संसद में आज भारत छोड़ों आंदोलन के 75 साल पूरे होने पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है. इस पर राज्यसभा में चर्चा के दौरान वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि हमारे देश के जवानों में देश की सुरक्षा करने की क्षमता है. देश के लिए सबसे बड़ी चुनौती आतंकवाद है. जेटली ने कहा कि देश के कई हिस्सों में जो लोग संविधान को नहीं मानते हैं, वो संविधान पर आक्रमण कर रहे हैं.
आपको बता दें कि 9 अगस्त को भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत मानी जाती है. पर बहुत कम लोगों को पता है कि ये आंदोलन 8 अगस्त 1942 से आरंभ हुआ था. दरअसल, 8 अगस्त 1942 को बंबई के गोवालिया टैंक मैदान पर अखिल भारतीय कांग्रेस महासमिति ने वह प्रस्ताव पारित किया था, जिसे ‘भारत छोड़ो’ प्रस्ताव कहा गया. इसके बाद से ही ये आंदोलन व्यापक स्तर पर आरंभ किया गया.
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गोवालिया टैंक मैदान से गांधीजी ने भाषण दिया. उन्होंने कहा, ‘मैं आपको एक मंत्र देना चाहता हूं जिसे आप अपने दिल में उतार लें, यह मंत्र है, करो या मरो’. बाद में इसी गोवालिया टैंक मैदान को अगस्त क्रांति मैदान के नाम से जाना जाने लगा.
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