
नई दिल्ली (जागरण ब्यूरो): भारत और चीन का पारस्परिक कारोबार मौजूदा वर्ष 2016 में बढ़कर 65 अरब डॉलर (435,500 करोड़ रुपये) हो सकता है। चीन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह संभावना जताते हुए कहा है कि चीन का फोकस वित्त, बुनियादी विकास, इलेक्ट्रॉनिक्स और आइटी सेक्टर में रहेगा।
पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चायना के महावाणियदूत वांग शिसाई ने कहा कि मौजूदा वर्ष 2016 में जनवरी से सितंबर के बीच दोनों देशों का आपसी व्यापार 52.14 अरब डॉलर रहा। इस साल के अंत तक यह 65 अरब डॉलर तक पहुंचने की संभावना है। चायना होमलाइफ एंड चायना एक्जीबीशन 2016 में उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग दोनों के लिए फायदेमंद है। इससे आने वाले वर्षो में लाभ मिलेगा। चौथे साल आयोजित यह प्रदर्शनी आज से शुरू हुई है और तीन दिन तक चलेगी। इसका आयोजन भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआइआइ) के सहयोग से किया गया है। इस मौके पर औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीआइपीपी) के पूर्व सचिव अजय शंकर ने कहा कि दोनों देशों के बीच कारोबार बढ़ रहा है। चीन की विनिर्माण कंपनियां हमारे मेक इन इंडिया कार्यक्रम में हिस्सा ले सकती हैं।
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