भारतीय क्रिकेट में खिलाड़ियों के साथ नाइंसाफी या चयन में अजीब फैसलों जैसी बातें आए दिन सामने आती रहती हैं। ऐसा ही कुछ भारत के एक और शानदार खिलाड़ी के साथ हुआ था।नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट में खिलाड़ियों के साथ नाइंसाफी या चयन में अजीब फैसलों जैसी बातें आए दिन सामने आती रहती हैं। ऐसा ही कुछ भारत के एक और शानदार खिलाड़ी के साथ हुआ था लेकिन किस्मत का चक्र घूमा और उसे फिर एक बार खुद को साबित करने का मौका मिला है, क्या है पूरा मामला, आइए जानते हैं।
– क्या याद है वो मैच?
हम बात कर रहे हैं महाराष्ट्र के 31 वर्षीय बल्लेबाज केदार जाधव की। आज से तकरीबन एक साल पहले भारत इसी समय जिंबाब्वे दौरे पर वनडे सीरीज खेलने गई थी। तब उस सीरीज के अंतिम मैच में 14 जुलाई 2015 को जाधव ने यादगार पारी खेलकर सबका दिल जीता था। उस मैच में जाधव ने 87 गेंदों पर नॉटआउट 105 रनों की धुआंधार पारी खेली थी। उन्होंने उस मैच में 12 शानदार चौके और 1 छक्का जड़ा था और बाद में भारत ने 83 रनों से शानदार जीत दर्ज की थी।
– यै कैसा इंसाफ
जब टीम घर वापस लौटी तो सोचा कि शायद अब वो टीम इंडिया में अपनी जगह पक्की कर लेंगे लेकिन उसके बाद पूरे साल में भारत ने 10 वनडे मैच खेले, जिस दौरान कई खिलाड़ी आते और जाते रहे लेकिन को कभी मौका नहीं दिया गया। आज एक साल बाद जब टीम जिंबाब्वे गई है और कई दिग्गज बाहर बैठे हैं तो उनको एक बार फिर इस दौरे पर भेज दिया गया।
– फिर बल्ले से जवाब दो केदार
सवाल यही है कि क्या ऐसी प्रतिभा को सिर्फ जिंबाब्वे के लिए रखा गया है? क्या उनको और मौका मिलना नहीं चाहिए था? उम्मीद यही की जा सकती है कि धौनी की कप्तानी में उनके साथ न्याय हो सके और वो मौजूदा वनडे सीरीज में शानदार प्रदर्शन करके सबको बल्ले से जवाब दें ताकि आने वाले समय में चयनकर्ता उन्हें गंभीरता से लें।
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