भारतीय संस्कृति से प्रभावित होकर जर्मनी जोड़े ने काशी में लिए सात फेरे
भारतीय संस्कृति से प्रभावित होकर जर्मनी जोड़े ने काशी में लिए सात फेरे

भारतीय संस्कृति से प्रभावित होकर जर्मनी जोड़े ने काशी में लिए सात फेरे

वाराणसी। धर्म नगरी काशी में एक विदेशी जोड़े ने गंगा किनारे सात फेरे लिए। इस जोड़े ने वर्ष 2002 में जर्मनी में शादी करने के बाद भी वाराणसी में हिंदू रीति-रिवाज से अपनी नई जिंदगी की एक बार फिर से शुरुआत की। जर्मनी के आकिम और पत्नी आंके की उम्र 49 साल है।भारतीय संस्कृति से प्रभावित होकर जर्मनी जोड़े ने काशी में लिए सात फेरे

दोनों जर्मनी में एक इंडियन रेस्टोरेंट चलाते हैं और भारतीय संस्कृति और काशी से इतना ज्यादा प्रभावित हुए कि दोनों ने गुरुवार को गंगा किनारे हिंदू रीति-रिवाज से शादी की। शादी के लिए मंडप बनाया गया था और सात फेरों के साथ सिंदूरदान की रस्म भी अदा की गई। दुल्हन बनी आंके के भाई की भूमिका में लक्सा स्थित गेस्ट हाउस के संचालक मयूर जायसवाल थे। 

जबकि जिस गेस्ट हाउस में यह सारी रस्म पूरी हुई उसके मालिक विकास मेहरोत्रा ने आंके के पिता की भूमिका पूरी कर कन्यादान किया। हिंदू रीति-रिवाज से लगभग चार घंटे तक दोनों की शादी की सभी रस्में पूरी की गई। इसके बाद दोनों ने गंगा किनारे जाकर गंगा पूजन किया और हर-हर महादेव का नारा लगाते हुए काशी के कल्चर को भी अपना बनाया। 

 

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