एक ओर केंद्र और राज्य सरकारें देश के भविष्य ” नौनिहाल बच्चों” के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैं तो वहीं भाजपा के ही एक नेता सरकारी स्कूलों में मिड्डे मील खाने वाले बच्चों की तुलना भिखारियों से कर दी। भाजपा के इस नेता के बेतुके बयान की काफी आलोचना और विरोध हो रहा है।
जानें इस नेता ने अपने बयान पर सफाई देते हुए क्या कहा…
भाजपा के प्रदेश संगठन मंत्री सुनील बंसल ने मिड-डे मील को लेकर विवादित बयान दिया है। सपा पर निशाना साधते हुए दो साल पहले की एक घटना का जिक्र कर कहा कि बताओ जिस प्रदेश के बच्चे भिखारी जैसे बर्तन लेकर खड़े हों, उस प्रदेश का क्या विकास होगा। बंसल रविवार को चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद कानपुर प्रांत के प्रदेश अधिवेशन को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि दो साल पहले वे एक सड़क से गुजर रहे थे। सड़क किनारे खड़े कुछ छोटे-छोटे बच्चों को स्कूल ड्रेस (खाकी) में हाथों में बर्तन लिए देखा तो गाड़ी रुकवा दी। बच्चों के बीच जाकर पूछा कि वे यहां क्या कर रहे हैं। इस पर बच्चों ने कहा कि अभी उन्हें खाना मिलेगा। इस पर उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं से एक-एक स्कूल की व्यवस्था सही करने के लिए कहा।
मेरे कहने का आशय वह नहीं था। मैंने किसी बच्चे की तुलना भिखारी से नहीं की। मैंने तो दो साल पहले जैसा देखा था, उसी को शब्दों के माध्यम से बयां किया है। बच्चे केवल खाने के लिए स्कूल जाते थे। तब का सिस्टम गलत था।
-सुनील बंसल, प्रदेश संगठन मंत्री, भाजपा