शिवसेना ने अपने मुखपत्र में ‘क्यों झुके ये बताओ’ शीर्षक के तहत सोमवार को प्रकाशित संपादकीय में लिखा है कि कल तक सरकार जीएसटी को अभेद्य बता रही थी लेकिन, अब यू टर्न ले लिया है। उसके बाद यह ढोल पीटा जा रहा है कि इससे छोटे व्यापारियों को राहत मिलेगी। शिवसेना ने कहा है कि जीएसटी में कदम पीछे खींचना चुनाव पूर्व भ्रष्टाचार है। यह छोटे व्यापारियों की मूंछ पर मक्खन लगाने की हरकत है।
शिवसेना ने दावा किया कि बीजेपी नेताओं को गांव में नहीं घुसने दिया जा रहा है। जीएसटी को लेकर देश में आक्रोश पनपा तो गुजरात के व्यापारी सड़कों पर उतरे। व्यापारियों ने लाठियां खाईं लेकिन जब भाजपा को लगा कि उसकी मार विधानसभा चुनाव में पड़ेगी।
बता दें कि बीते 10 नवंबर को जीएसटी काउंसिल ने 200 से अधिक वस्तुओं पर कर दरों में कटौती कर उपभोक्ताओं और कारोबारियों को राहत प्रदान की है। वहीं, रोजमर्रा की जिंदगी में काम आने वाली 178 वस्तुओं को शीर्ष दर 28 प्रतिशत के दायरे से बाहर कर 18 प्रतिशत कर श्रेणी को स्थानांतरित किया गया है। इसके अलावा सभी रेस्तरां में समान कर 5 प्रतिशत निर्धारित किया गया है।
अंतर बस इतना है कि तुम जादू से नोट बना देते हौ और मोदी जी गायब कर देते हैं।’ राहुल ने भरोसा दिलाया कि उनकी पार्टी उनकी समस्याओं और दिक्कतों पर विचार करेगी। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि हम लोगों से बात करके अपनी पार्टी का घोषणापत्र तैयार कर रहे हैं।
पाटन में दलितों के एक समूह से बातचीत के दौरान राहुल ने कहा कि कांग्रेस अपने घोषणापत्र में शामिल सभी वादों को पूरा करेगी। राहुल ने भाजपा के वैचारिक संरक्षक संघ को ‘मनुवादी संस्थान’ बताया।
इससे पहले, वराना में एक जनसभा में राहुल ने गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी से संबंधित कंपनी पर लगे आरोपों पर जवाब देने की मांग की। राहुल ने कहा, ‘रूपाणी पर ये आरोप मीडिया ने नहीं लगाए हैं।
जो संस्था शेयर बाजार को नियंत्रित करती है, उसका कहना है कि आपका मुख्यमंत्री बेईमान है। उन्होंने रूपाणी पर जुर्माना लगाया है।’ कांग्रेस उपाध्यक्ष ने अमित शाह के बेटे जय शाह की कंपनी पर लगे आरोपों का भी जिक्र किया।
उन्होंने कहा, ‘मोदीजी कहते हैं, न खाऊंगा, न खाने दूंगा। देश के लोग सुनना चाहते हैं कि वह अमित शाह के बेटे और विजय रूपाणी के बारे में क्या कहते हैं। अगर आप इस मुद्दे पर कुछ नहीं बोलेंगे तो गुजरात के लोग मानेंगे कि आप चौकीदार नहीं इसमें भागीदार हैं।’ राहुल ने यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थलों में शामिल ‘रानी की वाव’ का भी दौरा किया। वह एक कॉटन फार्म भी गए और जाना कि कॉटन कैसे उगाया जाता है।