बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या मामले की जांच का जिम्मा सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को सौंप दिया है। जांच की जिम्मेदारी मिलते ही सीबीआई सक्रिय हो गई है। शनिवार को सीबीआई की टीम सांताक्रूज के उस गेस्ट हाउस में जांच के लिए पहुंची जहां दिवंगत अभिनेता रहा करते थे। वहीं, फॉरेंसिक टीम भी गेस्ट हाउस पहुंच चुकी है।
सीबीआई की टीम ने मुंबई पुलिस से केस से जुड़े सभी दस्तावेज व रिपोर्ट लेकर सबसे पहले सुशांत के कुक नीरज से पूछताछ की। सीबीआई अधिकारी उसे लेकर सांताक्रूज स्थित डीआरडीओ व आईएएफ के गेस्ट हाउस पहुंचे और घंटों उससे सवाल जवाब किए। दूसरी तरफ, फॉरेंसिक टीम गेस्ट हाउस पहुंचकर जांच में जुट गई है।
सूत्रों के मुताबिक, कुक के अलावा सीबीआई ने सुशांत के एक दोस्त से भी पूछताछ की है और जल्द ही केस के जुड़े लोगों के बयान दर्ज किए जाएंगे। साथ ही सुशांत के वित्तीय लेनदेन की भी जांच की जाएगी।
गौरतलब है कि नीरज सिंह ने एक चैनल से बातचीत में 14 जून से पहले की कहानी बताई है। उन्होंने बताया कि आत्महत्या वाले दिन सुशांत ने उनसे पानी मांगा था और फिर वो ऊपर कमरे में चले गए थे। वहीं रिया चक्रवर्ती 12 जून को सुशांत का घर छोड़कर चली गई थीं।
एक चैनल से बातचीत में उन्होंने कहा कि सर क्यों चले गए इसका तो हमें भी नहीं पता है। 12 लोगों का स्टाफ था जिसमें से कुछ लोगों को सर ने निकाला था। लॉकडाउन में एक बार रिया ने मुझे भी जाने को कहा था।
करणी सेना के नेता सुरजीत राठौर ने कहा है कि करणी सेना के राज्य प्रमुख ने मुझे शवगृह में जाने के लिए कहा, जिसके बाद मैं 15 जून को कूपर अस्पताल में था। स्टाफ के अनुरोध पर, रिया चक्रवर्ती को सुशांत सिंह राजपूत के अवशेषों को देखने की अनुमति दी गई। जैसे ही मैंने चादर हटाई, उसने सुशांत के सीने पर हाथ रखा और कहा ‘सॉरी बाबू’।
बता दें कि, सुप्रीम कोर्ट ने बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के संबंध में पटना में दर्ज प्राथमिकी की जांच सीबीआई से कराने की बिहार सरकार की सिफारिश को बुधवार को सही ठहराया। यह प्राथमिकी राजपूत के पिता कृष्ण किशोर सिंह ने दर्ज कराई थी।
न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय की एकल पीठ ने अपने फैसले में कहा कि बिहार सरकार इस मामले को जांच के लिए सीबीआई को हस्तांतरित करने में सक्षम थी। उन्होंने कहा कि राजपूत के पिता की शिकायत पर बिहार पुलिस द्वारा प्राथमिकी दर्ज करना सही था और इसे सीबीआई को सौंपना विधिसम्मत था।