प्रधानमंत्री आवास पर आज केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई। इसे लेकर आयोजित प्रेसवार्ता में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि कोरोना वायरस संकट के दौरान सरकार ने किसानों के हित में फैसले लिए।
जावड़ेकर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक ने आवश्यक वस्तु कानून में ऐतिहासिक संशोधनों को अनुमति दी गई। उन्होंने कहा कि यह फैसला किसानों और कृषि क्षेत्र के उत्थान में मील का पत्थर साबित होगा।
जावड़ेकर ने कहा कि सरकार ने भारत में निवेश आकर्षित करने के लिए मंत्रालयों/विभागों में सचिवों का समूह और प्रोजेक्ट डेवलपमेंट सेल (पीडीसी) स्थापित करने को अनुमति दी है।
बता दें कि एक सप्ताह में केंद्रीय कैबिनेट की यह दूसरी बैठक है। इससे पहले सोमवार को भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बैठक हुई थी। इस बैठक में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों और किसानों को कोरोना संकट में राहत देने के लिए कई एलान किए गए थे।
एपीएमसी कानून, 2003 राज्यों के लिए जारी किया गया कानून है। इसके तहत राज्यों में अनुबंध खेती के लिए कृषि उत्पाद विपणन समिति (एपीएमसी) से पंजीकरण किए जाने की जरूरत होती है।
एपीएमसी इन अनुबंधों से उत्पन्न होने वाले विवादों को हल करने का काम करती है। इसके अलावा अनुबंध खेती के लिए एपीएमसी को बाजार शुल्क आदि का भुगतान किया जाता है। मॉडल एपीएमसी अधिनियम, 2003 के तहत राज्यों को अनुबंध खेती से संबंधित कानूनों को लागू करने संबंधी अधिकार दिए जाते हैं।
छह दशक से ज्यादा पुराने आवश्यक वस्तु कानून में संशोधन करते हुए केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को अनाज, दालें, आलू और प्याज आदि को इससे बाहर कर दिया।
सरकार ने यह फैसला कृषि क्षेत्र में सुधार लाने के लिए और किसानों की आय बढ़ाने के मकसद से लिया है। कैबिनेट ने कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश, 2020 को भी अनुमति दे दी। यह अध्यादेश कृषि उपज में बाधा मुक्त व्यापार सुनिश्चित करेगा।
इसके साथ ही सरकार ने मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अध्यादेश पर किसानों का (सशक्तिकरण और संरक्षण) समझौता अधिनियम, 2020 को भी अनुमति दी। इससे प्रोसेसर, एग्रीगेटर, थोक व्यापारी, बड़े खुदरा विक्रेताओं और निर्यातकों के साथ जुड़ने के लिए किसानों को सशक्त बनाया जा सकेगा।
कैबिनेट निर्णयों की जानकारी देते हुए कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि ये फैसले कृषि क्षेत्र में सकारात्मक सुधार लाएंगे और किसानों को सशक्त करेंगे।
जावड़ेकर ने कहा कि बैठक में कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट का नाम बदलने का निर्णय भी लिया गया। अब इस ट्रस्ट का नाम श्यामा प्रसाद मुखर्जी ट्रस्ट होगा। श्यामा प्रसाद मुखर्जी भारतीय राजनीतिज्ञ, वकील और शिक्षाविद् थे। पंडित जवाहरलाल नेहरू के कार्यकाल में वह उद्योग एवं आपूर्ति मंत्री बनाए गए थे।