बड़ी खबर: हिल गया पूरा देश, टाटा कंपनी देती है आतंकवादियों को पैसा

tata-1प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) मलेशियाई कंपनी एयरएशिया और टाटा संस के जॉइंट वेंचर वाली कंपनी एयरएशिया इंडिया से जुड़े फर्जी लेन-देन मामले की जांच इस नजरिए से भी जांच कर रहा है कि कंस्लटंट को दी गई रकम से आतंकवादियों की फंडिंग हुई है।

पीएम मोदी पर आतंकियों ने रची खौफनाक साजिश; रैली में होगा महा विनाश

 
इस पहलू से जांच की मुख्य वजह यह है कि दूसरी कंपनी में काम करने वाले कंसल्टंट के एक पार्टनर को अमेरिका ने आतंकवादी घोषित किया है। इसके अलावा ईडी मामले को दो और पहलुओं से जांच कर रही है- एक, क्या कंसल्टंट को उसकी फी दी गई थी या फिर यह रकम सरकारी अफसरों को रिश्वत देने के लिए थी और दूसरा, क्या इस लेन-देन में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के नियमों का उल्लंघन हुआ है।
 
दरअसल, टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन सायरस मिस्त्री ने आरोप लगाया था कि एयरलाइंस ने भारत और सिंगापुर में कागजी कंपनियों के जरिये ये लेन-देन किए थे। ईडी ने फॉरन एक्सचेंज मैनेजमेंट ऐक्ट (FEMA) के तहत दर्ज मामले में जांच के संबंध में एयर एशिया के एग्जिक्युटिव्स और कुछ अन्यों को अगले सप्ताह जरूरी दस्तावेजों के साथ पेश होने और इस मामले की अधिक जानकारी देने के लिए समन भेजे हैं।
 
इस मामले में 22 करोड़ रुपये की ट्रांजैक्शंस में सिंगापुर की एक कंपनी को दी गई 12 करोड़ रुपये की रकम की भी जांच होगी। ईडी के अधिकारियों ने बताया कि पहले इस संबंध में की गई एक इन-हाउस फॉरेंसिक जांच के दस्तावेजों और निष्कर्षों को देखा जाएगा। मिस्त्री ने अक्टूबर में दावा किया था एयर एशिया के साथ टाटा ग्रुप के जॉइंट वेंचर में कॉर्पोरेट गवर्नेंस से जुड़ी गड़बड़ियां हुई हैं। उनका कहना था कि फॉरेंसिक जांच में भारत और सिंगापुर में गैर-मौजूद एंटिटीज से जुड़ी 22 करोड़ रुपये के फर्जी लेन-देन का खुलासा हुआ था।
 
मिस्त्री और टाटा ग्रुप के अंतरिम चेयरमैन रतन टाटा के बीच चल रही तकरार के बीच मिस्त्री ने आरोप लगाया था कि एविएशन में रतन टाटा की बहुत अधिक दिलचस्पी होने की वजह से टाटा संस के बोर्ड ने एविएशन सेक्टर में कैपिटल इन्वेस्टमेंट बढ़ाया है। 24 अक्टूबर को चेयरमैन के पद से हटाए जाने के बाद मिस्त्री ने टाटा संस के बोर्ड मेंबर्स को लिखे पत्र में कहा था, ‘बोर्ड मेंबर्स और ट्रस्टीज को भी इस बात की जानकारी है कि एयर एशिया में कुछ विशेष ट्रांजैक्शंस के साथ ही कंपनी की संस्कृति को लेकर नैतिकता से जुड़ी चिंताएं उठाई गई थीं। हाल की एक फॉरेंसिक जांच में भारत और सिंगापुर में गैर-मौजूद एंटिटीज से जुड़े 22 करोड़ रुपये के फर्जी लेन-देन का पता चला था।’
 
 
मिस्त्री ने आरोप लगाया था कि एग्जिक्युटिव ट्रस्टी वेंकटरमन एयर एशिया के बोर्ड में मौजूद होने के साथ ही कंपनी के शेयरहोल्डर भी हैं और उन्होंने इन ट्रांजैक्शंस को ज्यादा महत्व नहीं दिया था और इस मामले की जांच में दिलचस्पी नहीं ली थी। पत्र में कहा गया था कि इंडिपेंडेंट डायरेक्टर्स के जोर देने के बाद ही बोर्ड ने बाद में एफआईआर दर्ज कराने का फैसला किया।
 
मिस्त्री ने दावा किया था कि रतन टाटा ने एशिया एशिया के साथ डील को लेकर बातचीत की थी। मिस्त्री का कहना था कि टाटा संस के चेयरमैन के तौर पर उनके शुरुआती कार्यकाल में उनसे बोर्ड मीटिंग में एशिया एशिया के साथ जॉइंट वेंचर का प्रस्ताव रखने के लिए कहा गया था। गौरतलब है कि एयरएशिया इंडिया में मलेशियाई कंपनी और टाटा संस के पास 49%-49% शेयर हैं जबकि बाकी के 2% शेयर कंपनी के चेयरमैन एस रामादुरई और डायरेक्टर आर वेंकटरमन के पास हैं

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com