तमिल सुपरस्टार रजनीकांत ने साल 2017 के आखिरी दिन बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने कहा है कि वह राजनीति में एंट्री कर रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने अपनी नई पार्टी बनाने की घोषणा के साथ चुनाव लड़ने का भी शंखनाद कर दिया है.फैंस से मुलाकात के बाद उन्होंने श्री राघवेंद्र कल्याण मंडपम में कहा, ‘मेरा राजनीति में आना तय है. मैं अब राजनीति में आ रहा हूं. यह आज की सबसे बड़ी जरूरत है.’
उन्होंने आगे कहा कि वह अपनी नई राजनीतिक पार्टी बनाएंगे. उन्होंने घोषणा की कि अगले विधानसभा चुनावों में वह राज्य की सभी विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करेंगे. रजनीकांत ने कहा, ‘मेरी पार्टी के तीन मंत्र होंगे, सच्चाई, मेहनत और विकास’.
उन्होंने कहा, ‘राजनीति की दशा काफी खराब हो गई है. सारे राज्य हमारा मजाक बना रहे हैं. अगर मैं राजनीति में नहीं आता हूं तो यह लोगों के साथ धोखा होगा.’
रजनीकांत ने आगे कहा कि आज राजनीति के नाम पर नेता हमसे हमारा पैसा लूट रहे हैं और अब इस राजनीति को जड़ से बदलने की जरूरत है.
दक्षिण भारत के जानेमाने फिल्म अभिनेता ने कहा, ‘जहां भी सत्ता का दुरुपोयग होगा, मैं उसके खिलाफ खड़ा रहूंगा. उन्होंने कहा कि आज चारों ओर भ्रष्टाचार है और राजनीति का सिर्फ नाटक हो रहा है.’
इससे पहले रजनीकांत ने कहा था कि वह अपने राजनीतिक करियर के बारे में 31 दिसंबर को खुलासा करेंगे. वह पिछले छह दिनों से चेन्नई में अपने समर्थकों से मिल रहे थे. 31 दिसंबर को उनकी मुलाकात का छठा और आखिरी दिन है. साल 2018 के आगमन से पहले, रजनीकांत पर आम लोगों के साथ ही राजनीतिक दलों की भी नजरें लगी हुई थीं.
रजनीकांत ने तमिलनाडु के 18 जिलों में छह दिनों तक यात्रा की. अपनी यात्रा में उन्होंने रोज कम से कम एक हजार लोगों से मिलने की योजना बनाई थी.
67 साल के इस अभिनेता के दक्षिण भारत में कई चाहने वाले हैं. वह दक्षिण भारत में सबसे लोकप्रिय के अभिनेताओं में से एक हैं. उनकी फिल्में 2.0 और काला सिनेमाघरों में उतरने वाली हैं.
फैंस से मिलने के छठे और आखिरी दिन रजनीकांत सुबह से ही अपने काफिले पर निकल चुके थे. राजनीति में आने के सवालों पर रजनी ने कहा है कि उनके लिए राजनीति नई नहीं है.
इससे पहले, उन्होंने पत्रकारों के सवालों के जवाब में कहा था, ‘मैं राजनीति में 1996 से हूं. मैं यह नहीं कहूंगा कि मैं राजनीति में एंट्री कर रहा हूं. मैं राजनीति पर अपना स्टैंड 31 दिसंबर को सामने रखूंगा.’
आपको बता दें कि तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की पिछले साल दिसंबर में हुई मौत के बाद राज्य की राजनीति में एक शून्य पैदा हुआ है. सत्तारूढ़ एआईएडीएमके में भी गुटबाजी सामने आई थी.
पुरानी बात करें तो 1996 में रजनीकांत ने जयललिता के विरोध में आकर लोगों से डीएमके का समर्थन करने की अपील की थी. उन्होंने कहा था, ‘अगर जयललिता दोबारा सत्ता में आईं तो भगवान भी तमिलनाडु को नहीं बचा सकेगा.’ तब डीएमके को चुनावों में भारी जीत मिली थी, हालांकि बाद में रजनीकांत ने इसे अपनी गलती बताया था.
रजनीकांत से पहले दक्षिण के एक और फिल्मी सुपरस्टार कमल हसन भी राजनीति में रुचि दिखा रहे हैं. उन्होंने पिछले महीने अपने जन्मदिन पर ‘मइयम व्हिसल’ नामक व्हिसल ब्लोअर ऐप लॉन्च किया था. उन्होंने कहा है कि वह कुछ दिनों में राजनीति में आ सकते हैं.
कमल हसन ने जहां अपने लेख और भाषणों में बीजेपी को निशाने पर लिया है, वहीं रजनीकांत की रणनीति उनसे अलग रही है. रजनीकांत से खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुलाकात की थी. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा था कि रजनीकांत का हमेशा पार्टी में स्वागत है. हालांकि, रजनीकांत ने किसी पार्टी में जाने की बजाए अपनी अलग पार्टी बनाने का फैसला किया.