कक्षा दो के सात वर्षीय छात्र प्रद्युम्न ठाकुर की हत्या के दसवें दिन सोमवार को रेयान इंटरनेशनल स्कूल फिर खुला, लेकिन सिर्फ 18 फीसद बच्चे ही स्कूल पहुंचे। स्कूल पहुंचे बच्चों में से अधिकतर डरे और सहमे हुए थे। उनके चेहरे पर भय साफ देखा जा सकता था। प्रद्युम्न की कक्षा के तो केवल छह बच्चे ही स्कूल आए। प्रशासन ने बच्चों की हालत को देखते हुए स्कूल को अगले शुक्रवार यानी 22 सितंबर तक फिर से बंद करने का निर्णय किया है। गुरुग्राम के मौलिक शिक्षा अधिकारी रामकुमार फलस्वाल ने बताया कि बच्चों के मन में अभी भी घटना का डर बना हुआ है और वहीं अभिभावक भी चिंतित हैं। उन्होंने बताया कि इस स्थिति को देखते हुए स्कूल को 22 तारीख तक बंद करने का फैसला किया गया है।
23 सितंबर को दोपहर 2:30 बजे अभिभावक-शिक्षक बैठक (पीटीएम) होगी जिसमें निर्णय लिया जाएगा कि स्कूल को कब खोला जाए। सोमवार को जिला उपायुक्त विनय प्रताप सिंह ने भी स्कूल का दौरा किया। आठ सितंबर के बाद सोमवार को खुले स्कूल के हालात को देखने के लिए करीब 40 अभिभावक भी पहुंचे थे। इनमें दो अभिभावकों ने यहां उपस्थित शिक्षा निदेशालय के अधिकारियों से अपने बच्चों का किसी अन्य स्कूल में प्रवेश कराने की बात कही। अभिभावकों का कहना है कि वे अपने बच्चों के डरे हुए चेहरे नहीं देखना चाहते हैं और इसीलिए कोशिश कर रहे हैं कि किसी और स्कूल में उनके बच्चों का प्रवेश हो जाए। हालांकि शिक्षा निदेशालय के अधिकारियों ने अभिभावकों को प्रवेश के संबंध में कोई आश्वासन नहीं दिया है। स्कूल में कुल 1,265 विद्यार्थी पढ़ते हैं, लेकिन सोमवार को बमुश्किल 230 ने ही उपस्थिति दर्ज कराई।
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एक अन्य अभिभावक ने बताया कि इस साल बच्चों को यहां पढ़ाना मजबूरी है, नहीं तो बच्चों का साल खराब हो जाएगा। उन्होंने कहा कि वह हर हालत में अगले साल अपने बच्चों को रेयान से निकाल लेंगे। स्कूल पहुंचे कुछ अभिभावकों ने कहा कि आठ सितंबर की घटना को हमारे बच्चे भूल नहीं पा रहे हैं। हम बहुत कोशिश कर रहे हैं लेकिन इसमें अभी समय लगेगा। रेयान प्रशासन ने स्कूल के लिए संध्या नाम की एक शिक्षिका को अस्थायी प्रधानाचार्य नियुक्त किया है। संध्या रेयान की ग्रेटर नोएडा शाखा की शिक्षिका हैं। स्कूल में सुरक्षा कर्मचारी अधिक सतर्क दिखे लेकिन कर्मचारियों की संख्या में कोई इजाफा नहीं किया गया है। स्टाफ भी पहले की तरह ही है, उसमें कोई परिवर्तन नहीं किया गया है।