केजीएमयू के बाल रोग विभाग में रविवार को अचानक ऑक्सीजन सिलेंडर का नोजल फटने से गैस का रिसाव शुरू हो गया। इससे वहां अफरातफरी मच गई। तीमारदार वहां भर्ती अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चितिंत हो गए। बड़ी मुश्किल से गैस के रिसाव को रोका जा सका।
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एस एन शंखवार ने बताया कि ऑक्सीजन सिलेंडर का नोजल पाइप से ही रिसाव हुआ था, जिसे जल्द ही काबू पा लिया गया था। गैस सिलेंडर से रिसाव होने पर महिला तीमारदार सहम गईं थीं। वे बच्चों को बेड से उठाकर ले जाने लगीं। इसी बीच नर्स व डॉक्टरों ने उन्हें रोक लिया। महिला तीमारदारों का कहना था रिसाव तेज आवाज संग हुआ था।
केजीएमयू के बाल रोग विभाग में करीब ढाई सौ बेड है। इनमें एनआईसीयू में 50 और पीआईसीयू के 24 बेड शामिल हैं। अधिकतर सभी बेड फुल रहते हैं। ऐसे में एक-एक बेड पर दो-दो बच्चों को लिटाकर उनका इलाज किया जाता है। जिस वक्त गैस का रिसाव हुआ वहां पर करीब पौने तीन सौ बच्चे भर्ती थे। हालांकि नोजल समय पर बंद कर दिया गया, वरना हादसा बड़ा हो सकता था।
…तो क्या नहीं होती ऑक्सीजन सिलेंडरों की देखरेख
सूत्रों का कहना है कि रविवार को ऑक्सीजन के सिलेंडर में नोजल सही से फिट नहीं था। बड़ा सवाल यह है कि जिस सिलेंडर को लोगों की जिंदगी बचाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, उसके रखरखाव में ये लापरवाही किस स्तर पर हुई।
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