ब्रिटेन के हाउस ऑफ कामंस में जम्मू-कश्मीर को लेकर गुरुवार को हुई बहस से नाराज भारत ने विरोध जताते हुए ब्रिटेन को कड़ी फटकार लगाई.
गौरतलब है कि कंजरवेटिव पार्टी के एमपी बॉब ब्लैकमैन ने कल हॉउस ऑफ़ कॉमन्स में कश्मीर का मुद्दा उठाया था. इस बहस में नटाल के अलावा राबर्ट फ्लेलो, अशरफ गनी और फियोना मैक्टागार्ट सहित कई सांसदों ने भाग लिया था.इनका कहना था कि कश्मीर मसले पर भारत और पाकिस्तान को बातचीत शुरू करने के लिए भी प्रेरित किया जाना चाहिए. ब्रिटिश सरकार इस दिशा में ठोस प्रयास शुरू करे.
इस मामले में ब्रिटिश सांसद डेविड नटाल के कश्मीर संबंधी अर्जी पर हाउस ऑफ कामंस में बहस को लेकर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त कर विरोध दर्ज करवाते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने दो टूक कहा कि जम्मू-कश्मीर पर हमारा बेहद स्पष्ट दृष्टिकोण है कि भारत और पाकिस्तान के बीच सभी मसलों को शिमला समझौते और लाहौर घोषणा के तहत द्विपक्षीय बातचीत के जरिये शांति से सुलझाया जाएगा. इसमें किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका की कोई गुंजाइश नहीं है.
भारत की तीखी प्रतिक्रिया के बाद कंजरवेटिव पार्टी के एमपी बॉब ब्लैकमैन ने कहा कि किसी भी संप्रभु राष्ट्र के अंदरुनी मामले में दखल देने का ब्रिटेन का कोई इरादा नहीं है. लेकिन हम जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के निर्दोष लोगों की तकलीफों को दूर करने के लिए मदद को तैयार हैं.
उधर, दावोस में भी ‘पाकिस्तान ब्रेकफास्ट’ कार्यक्रम में पाकिस्तान के पूर्व सेना प्रमुख जनरल राहिल शरीफ ने फिर कश्मीर राग अलापा. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान शांति चाहता है, लेकिन कश्मीर मुद्दा प्रमुख है. शांति के लिए इस मसले का पहले समाधान जरूरी है.
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