विज्ञान और धर्म में बहुत सी समानताएं देखी जा सकती हैं। बहुत सी मान्यताएं ऐसी है जिनका सम्बन्ध किसी न किसी तरह से विज्ञान से है। अब आप व्रत रखने की परिपाटी को ही देख लीजिये। लोग व्रत इसलिए रखते हैं क्योंकि ये उनकी धार्मिक मान्यता है लेकिन व्रत रखने से फायदा शरीर को ही मिलता है। विज्ञान भी यही बात करता है कि व्रत रखने से शरीर को बहुत सारे फायदे होते हैं। आज जहां पूरी दुनिया ओबेसिटी का शिकार हो रही है और मोटापे की वजह से ही लोगों को बहुत सी बीमारियां घेरे हुए है ऐसे समय में व्रत की महत्ता और बढ़ गयी है।
वैज्ञानिक भी ये बात मानते हैं कि व्रत करने से दिल, मांसपेशियां, आंत और शरीर के अन्य अंग बेहतर कार्य कर पाते हैं और इससे मेन्टल स्ट्रेंथ भी बढ़ती है। अगर महीने में दो दिन का भी फास्ट किया जाए तो बॉडी को काफी अच्छे परिणाम देखने को मिलते हैं। डायबिटीज वाले लोगों को व्रत नहीं रखना चाहिए क्योंकि ऐसा करना उनकी सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है। आयुर्वेद में भी व्रत के बहुत से फायदे बताये गए हैं। व्रत रखने से बॉडी का वेस्ट बाहर निकलता है जिससे इंसान रिलैक्स्ड और फ्रेश फील करता है। व्रत रखने से बॉडी के पार्ट्स बेहतर तरीके से अपना काम करते हैं।
व्रत का मुख्य उद्देश्य बॉडी में मेटाबॉलिज्म के दौरान बनने वाले जहरीले तत्वों का पाचन कर अग्नि तत्व की वृद्धि करना होता है।व्रत हमारी स्वाद, भूख, प्यास और नींद को बैलेंस करता है। जब हमारी बॉडी अच्छे तरीके से काम करेगी तो फिर हम बेहतर तरीके से अपनी लाइफ जी पाएंगे।