बेंगलुरु में बारिश ने तोड़ा 32 साल का रिकॉर्ड

बेंगलुरु में रात भर हुई मूसालाधार बारिश के कारण सोमवार को कई इलाकों में पानी भर गया और राहत कार्यों के लिए नौकाओं तथा ट्रैक्टरों को लगाना पड़ा, वहीं लोगों ने कथित कुप्रबंधन के खिलाफ गुस्सा जाहिर किया। शहर में अनेक झील, तालाब और नाले लबालब भरे हैं और निचले इलाकों में घरों में पानी भर गया है जिससे सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ है। बाढ़ग्रस्त सड़कों पर गुजरने में और अपने गंतव्यों तक पहुंचने में बेंगलुरु वासियों को बहुत मशक्कत करनी पड़ी। हवाई अड्डा भी जलभराव से अछूता नहीं रहा। 

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने बेंगलुरू में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के बीच सोमवार रात कहा कि सरकार ने शहर में बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए 300 करोड़ रुपये जारी करने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री ने रात में वरिष्ठ मंत्रियों और अधिकारियों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें राज्य, विशेष रूप से राजधानी शहर में बारिश और बाढ़ की स्थिति और इससे हुए नुकसान का जायजा लिया गया।

राज्य सरकार ने राज्य भर में बारिश और बाढ़ की स्थिति के प्रबंधन के लिए 600 करोड़ रुपये जारी करने का फैसला किया है। बोम्मई ने कहा कि सड़क, बिजली के खंभे, ट्रांसफार्मर, स्कूल आदि जैसे क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचे को बहाल करने के लिए 300 करोड़ रुपये अकेले बेंगलुरु के लिए रखे गए हैं।

बारिश ने तोड़ा 32 साल का रिकॉर्ड
बोम्मई ने कहा कि 1-5 सितंबर तक शहर के कुछ हिस्सों में सामान्य से 150 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है। वहीं,महादेवपुरा, बोम्मनहल्ली और के आर पुरम क्षेत्रों में सामान्य से 307 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है। यह पिछले 32 वर्षों (1992-93) की तुलना में सबसे अधिक वर्षा है। उन्होंने कहा कि बेंगलुरु में 164 झीलों को जोड़ने से पानी भर गया है।

लोग सोशल मीडिया में कर रहे गुस्से का इजहार
लोगों ने ट्विटर पर अपनी नाराजगी जाहिर की। इसी तरह के एक पोस्ट में एक वीडियो जारी किया गया जिसमें लोगों को शहर के हवाई अड्डे के प्रवेश द्वार पर पानी के बीच में से गुजरते देखा जा सकता है। जानेमाने आईटी उद्यमी मोहन दास पई ने ट्विटर पर एक वीडियो डाला है और शीर्षक दिया है ”कृपया बेंगलुरु को देखिए।” इस वीडियो में भगवान गणेश की वेशभूषा में एक व्यक्ति घुटनों तक पानी में जा रहा है और पीछे सड़क पर रेंगते हुए वाहन देखे जा सकते हैं। एक अन्य व्यक्ति ने लिखा कि वह आउटर रिंग रोड पर पांच घंटे तक फंसा रहा। 

सरजापुर रोड पर रैंबो ड्राइव लेआउट और सनी ब्रूक्स लेआउट समेत कुछ इलाकों में जलभराव की ऐसी स्थिति है कि सुबह के समय छात्रों और दफ्तर जाने वालों को निकालने के लिए नौकाओं तथा ट्रैक्टरों का इस्तेमाल करना पड़ा। आउटर रिंग रोड पर अनेक इलाकों से खबरें हैं कि बारिश और बाढ़ की वजह से अनेक आईटी कंपनियों का कामकाज भी प्रभावित हुआ है। एक नाराज व्यक्ति ने ट्वीट किया, ”सरकार तब तक कुछ नहीं करेगी जब तक कि आईटी कंपनियां शहर से बाहर नहीं चली जातीं। जब तक उनका राजस्व प्रभावित नहीं होता।” 

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