पटना: बिहार विधानसभा में शीतकालीन सत्र चल रहा है। बृहस्पतिवार विधानसभा में कैग मतलब नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ने बिहार सरकार की खिंचाई की। कैग ने साल 2019-20 की रिपोर्ट में डिफॉल्ट करने वाली सरकारी कंपनियों 18,872 करोड़ रुपये की वित्तीय मदद प्रदान कराने पर बिहार सरकार को फटकार लगाई है।

वही बृहस्पतिवार को कैग ने प्रदेश विधानसभा में 2019-20 की अपनी रिपोर्ट में बताया कि बिहार सरकार ने उपक्रमों एवं 16 गैर कार्यरत सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को 18.872 करोड़ रूपये बजटीय सहायता (इक्विटी, ऋण, अनुदान तथा सब्सिडी) प्रदान की। गैर-कार्यरत कंपनियों में बिहार प्रदेश फल एवं सब्जी विकास निगम लिमिटेड, बिहार प्रदेश निर्माण निगम लिमिटेड, बिहार प्रदेश वन विकास निगम लिमिटेड, बिहार प्रदेश मत्स्य विकास निगम लिमिटेड तथा बिहार हिल एरिया लिफ्ट सिंचाई निगम लिमिटेड सम्मिलित हैं।
आगे बताते हुए कैग ने कहा कि प्रदेश सरकार ने श्रम एवं अन्य उपकर के लेखांकन के लिए कोई नियम नहीं बनाया है। हालांकि कुछ विभागों द्वारा एकत्रित किया गया उपकर बेकार पड़ा है जो उस लक्ष्य की पूर्ति नहीं करता है जिसके लिए इसे लगाया गया था। बता दे कि बिहार सरकार द्वारा उपक्रमों तथा 16 गैर कार्यरत सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को 18.872 करोड़ रूपये बजटीय मदद मुहैया कराई गई।
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