नव निर्वाचित बिहार विधानसभा के पहले सत्र का आगाज सोमवार को हुआ और सदन की शुरुआत ही हंगामे के साथ हुई। हंगामे की वजह बने ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) पार्टी के विधायक अख्तरुल इमाम, जिन्होंने शपथ लेते समय देश के नाम पर ही आपत्ति जता दी और एक नए विवाद को भी हवा दे दी।
दरअसल, विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर जीतनराम मांझी सभी नए चुने गए सदस्यों को शपथ ग्रहण करा रहे थे। इसी दौरान असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी के विधायक अख्तरुल इमान ने शपथ लेते वक्त उसमें देश के नाम के लिए लिखे ‘हिंदुस्तान’ शब्द के स्थान पर ‘भारत’ कहने की इजाजत मांगी। इमान ने उर्दू में शपथ लेने की अनुमति मांगी थी।
विधानसभा में हुए इस घटनाक्रम के बाद राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू हो गई। भारतीय जनता पार्टी के एक नेता ने कह दिया कि जिन लोगों को हिंदुस्तान शब्द बोलने से इतनी ही आपत्ति हो रही है तो उन्हें यह देश छोड़कर पाकिस्तान चले जाना चाहिए। वहीं, बयानबाजी शुरु होने के बाद अख्तरुल इमान ने इस मामले पर सफाई दी है।
एआईएमआईएम विधायक इमान ने इसे मामले पर कहा है, ‘शपथ संविधान के अनुसार ग्रहण की जाती है, जिसमें देश के लिए हर जगह भारत लिखा हुआ है। मैं यह जानना चाहता था कि शपथ ग्रहण करने के दौरान क्या ‘हिंदुस्तान’ कहना ठीक रहेगा या मैं ‘भारत’ कह सकता हूं। हम विधायक हैं, हमें संविधान को सबसे ऊपर रखना चाहिए।’
उन्होंने कहा कि शपथ के दौरान सभी भाषाओं में भारत शब्द का इस्तेमाल होता है। हिंदी भाषा में भी भारत के संविधान की शपथ ली जाती है, मैथिली में भी इसी शब्द का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन, उर्दू में देश के लिए ‘हिंदुस्तान’ शब्द का इस्तेमाल होता है। जब सभी भाषाओं में भारत बोला जा रहा है तो उर्दू में भी ऐसा ही होना चाहिए।
इमान ने कहा कि मैंने प्रोटेम स्पीकर से कहा कि इसे भारत कर दिया जाए या क्या बोलना चाहिए, ये बता दें। बांटने की राजनीति के आरोप पर उन्होंने कहा, हम लोग बांटने की बात वहीं करते हैं। हम तो हिंदोस्तां भी बोलते हैं, भारत भी बोलते हैं। जो लोग हिंदुस्तान और भारत को अलग-अलग देखते हैं, असल में बांटने की बात वो लोग करते हैं।