बिहार में सामने आया पुलिस का क्रूर चेहरा, रिजल्ट घोटाला के आरोपी को छत से फेंका!

पटना [जेएनएन]। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (बिहार बोर्ड) के चर्चित रिजल्ट घोटाला के एक आरोपी दिवाकर सिंह की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है। पुलिस इसे सुसाइड बता रही है, जबकि परिजन पुलिस पर छत से फेंककर हत्या का आरोप लगा रहे हैं। मृतक की बेटी ने कहा है कि उसने पुलिसवालों को पिता को नीचे फेंकते देखा था। इस मामले में पटना पुलिस के खिलाफ हत्या की एफआइआर दर्ज की गई है।

09_12_2016-diwakar_091216_01पटना में फिर पुलिस का क्रूर चेहरा सामने आया है। आरोपों पर विश्वास करें तो बहादुरपुर थाना अंतर्गत पंचवटी कालोनी की तीसरी मंजिल से एक पेपर मिल मालिक दिवाकर सिंह को पुलिस ने नीचे फेंक दिया। मौके पर ही उसकी मौत हो गई। मृतक के पुत्र विक्रम सिंह (विक्की) ने छह पुलिसकर्मियों के खिलाफ बहादुरपुर थाना में हत्या का मामला दर्ज कराया है।

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रात में दस बजे घर में घुसी पुलिस

स्मृति पेपर मिल के मालिक 58 वर्षीय दिवाकर सिंह के पुत्र विक्रम सिंह ने बताया कि बुधवार की रात 10:15 बजे आधा दर्जन पुलिसकर्मी उनके पंचवटी कॉलोनी स्थित आवास पर पहुंचे। पुलिसकर्मियों में एक की वर्दी पर देवकांत वर्मा का नेम प्लेट लगा था।

विक्रम के अनुसार पांच पुलिसकर्मियों ने उसे घेर लिया और दिवाकर प्रसाद के बारे में पूछा। इसके बाद देवकांत वर्मा नाम वाले व तीन अन्य पुलिसकर्मी सीढ़ी चढ उपर चले गए। थोड़ी देर बाद ऊपर से चिल्लाने की आवाज आने लगी। विक्रम के अनुसार उसने देखा कि पिता के साथ पुलिस वाले हाथापाई कर रहे थे। कहते रहे कि मुझे छोड़ दो।

विक्रम ने बताया कि इस दौरान दो पुलिसकर्मी उसे खींचकर नीचे ले गए। थोड़ी देर बाद पिता की आवाज नहीं मिल पा रही थी। इस बीच पुलिसवाले सीढ़ी से उतरकर चले गए। पिता के बारे में पूछा तो उन्होंने कोई जबाब नहीं दिया।

विक्रम के अनुसार पुलिस के जाने के बाद वे घर के पिछवाड़े में नीचे गिरे मिले। आनन-फानन उन्हें राजेश्वर हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मृतक की बेटी का कहना है कि उसने पुलिस को उन्हें छत से फेंकते देखा है।

विदित हो कि दिवाकर प्रसाद बिहार बोर्ड के कॉपी टेंडर घोटाला में आरोपी हैं। मृतक के पुत्र ने कहा कि पुलिस को पेपर मिल में कुछ नहीं मिला। षडयंत्र के तहत कहानी रची गई और उनके पिता को फंसाया गया। मिल के कैशियर सुबोध व स्टोरकीपर इंद्रजीत को पकड़कर जबरन पेपर मिल में कॉपी लाने और गलाने की बात लिखवाई गई। पुलिस ने धमकी दी कि अगर नहीं लिखोगे तो जेल में सड़ा देंगे।

विक्रम ने बताया कि उसने डीजीपी, आइजी, डीआइजी, एसएसपी से मामले की जांच के उपरांत कार्रवाई की मांग की थी। पुतीन-चार दिन पूर्व आइजी नैय्यर हसनैन ने भरोसा दिया था कि जांच में दोषी पाए जाने के बाद ही गिरफ्तारी होगी। लेकिन, पुलिस वालों ने उनके पिता की हत्या कर दी।

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रिजल्ट घोटला, एक नजर

इंटर आर्ट्स और साइंस के रिजल्ट (2016) में वैशाली के विशुन राय कॉलेज के छात्र सौरभ श्रेष्ठ, राहुल कुमार और छात्रा रूबी राय ने टॉप किया था। एक टीवी चैनल ने साइंस टॉपर सौरभ और आर्ट्स टॉपर रूबी राय का स्टिंग किया। वीडियो फुटेज में रूबी राय ने पॉलिटिकल साइंस को प्रोडिकल साइंस बताया तथा कहा कि इसमें खाना बनान पढ़ाया जाता है। सौरभ को भी साइंस की मूलभूत जानकारी नहीं थी।

टीवी चैनल ने इस खबर को दिखाया तो हड़कम्प मच गया। तेजी से बदलते घटनाक्रम के दौरान बिहार बोर्ड ने पहले पांच रैंक के टॉपर्स को इंटरव्यू के लिए बुलाया। इंटरव्यू में टॉपर्स फेल कर गए।

जांच में यह बड़ा घोटला निकला। इसमें विशुन राय काॅलेज के प्रिंसिपल बच्चा राय, बिहार बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद सिंह व उनकी पत्नी उषा सिंह को गिरफ्तार किया गया। इस घोटाले की अन्य कई शाखाएं उजागर हुईं। इन्हीं में में से एक में दिवाकर को आरोपी बनाया गया था। दिवाकर बिहार बोर्ड में कॉपी सप्लायर था।

दिवाकर पर थे ये आरोप

पुलिस के अनुसार परीक्षा के लिए तैयार की गई कॉपी दिवाकर के घर से भी मिले थे। अहमदाबाद की कंपनी को कॉपी छापने का ऑर्डर मिला था, लेकिन कॉपी दिवाकर के प्रेस में छपी। पुलिस के अनुसार उसने दिवाकर के घर से 35 किलो कॉपी भी बरामद की थी।

 

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