भागलपुर, कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए जेलों में कोरोना की रोकथाम और बचाव के लिए बनाई गई विशेष क्वारन्टाइन जेलों को बंद कर दिया गया। जेल आइजी मिथिलेश मिश्र ने कोरोना का कहर समाप्त होते ही विशेष क्वारन्टाइन जेलों की सेवा तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिया है। अब भागलपुर, बांका, नवगछिया ही नहीं बल्कि सूबे के विभिन्न न्यायालयों से न्यायिक हिरासत में भेजे जाने वाले आरोपित सीधे स्थानीय जेल भेजे जाएंगे। पूर्व की तरह कोरोना से बचाव को बनाए गए विशेष क्वारन्टाइन जेलों में अब उन्हें 14 दिनों के लिए क्वारन्टाइन के लिए नहीं भेजा जाएगा।
भागलपुर, नवगछिया और बांका जिले के पुरुष नवागन्तुक आरोपित बंदियों को मुंगेर में बनाये गए विशेष क्वारन्टाइन जेल और महिलाओं को पटना स्थित विशेष क्वारन्टाइन जेल भेजा जाता था। वहां 14 दिन बिताने के बाद भागलपुर के शहीद जुब्बा सहनी केंद्रीय कारा, विशेष केंद्रीय कारा और महिला मंडल कारा के अलावा नवगछिया उप कारा और बांका मंडल कारा भेजा जाता था।
11 अप्रैल 2021 से बनाई गई थी विशेष क्वारन्टाइन जेल
कोरोना लहर को देखते हुए 2020 में कोरोना महामारी की भयावह स्थिति से जेल में बंद बंदियों को बचाने के लिए विशेष क्वारन्टाइन जेल बनाए गए थे। कोरोना का असर समाप्त होने के बाद 2020 में ही कुछ दिनों के लिए यह विशेष व्यवस्था स्थगित की गई थी पर कोरोना की दूसरी लहर आते ही 11 अप्रैल 2021 से पुन: इसे न सिर्फ बहाल किया गया था बल्कि कई सुविधाओं से भी लैस कराते हुए बंदियों के लिए वेक्सिनेशन की भी सुविधाएं मुहैया कराई गई थी।
भागलपुर, नवगछिया, बांका में पांच हजार से अधिक बंदी हैं बंद
कोरोना काल में विशेष क्वारन्टाइन जेलों में बंद बंदियों के अतिरिक्त भागलपुर, नवगछिया और बांका की जेल में बंद बंदियों की संख्या पांच हजार से अधिक है। विशेष क्वारन्टाइन जेलों के बंद कर दिए जाने के बाद वहां से उनके मूल जेलों में बन्दियों के लाए जाने से बंदियों की संख्या में इजाफा हो जाएगा।