विभिन्न दलों के प्रत्याशी और चुनाव रणनीति

पिछले महीने तक सरफराज आलम बीजेपी की सहयोगी जेडीयू से विधायक थे लेकिन उपचुनाव में टिकट के लिए आलम ने जेडीयू का दामन छोड़ आरजेडी का दामन थाम लिया. सरफराज आलम के पिता मोहम्मद तस्लीमुद्दीन के निधन से अररिया लोकसभा सीट खाली हुई थी जिसपर आज चुनाव हो रहा है. अररिया उपचुनाव में एनडीए की ओर से प्रदीप सिंह को मैदान में उतारा गया है, जिन्हें 2014 के लोकसभा चुनाव में तस्लीमुद्दीन ने हराया था. उनके सामने राजद के सरफराज आलम हैं, जो दिवंगत सांसद के बेटे हैं.

हालांकि सरफराज आलम को अपने पिता तस्लीमुद्दीन के जैसी लोकप्रियता हासिल नहीं है, फिर भी उन्हें यहां के मुस्लिम और यादव वोटों का आस है, जिनकी संख्या अररिया के कुल मतदाताओं में लगभग आधी है. इसके अलावा राजद की निगाहें एससी और ईबीसी वोट पर भी लगी हुई है. सरफराज की राह में बाधा सांसद पप्पू यादव की जन अधिकार पार्टी के उम्मीदवार विक्टर यादव भी होंगे, जो यादव वोट बैंक में हिस्सेदारी कर सकते हैं. अररिया लोकसभा क्षेत्र में 41 प्रतिशत मुस्लिम मतदाता हैं, जबकि यादव वोटों की संख्या 10 प्रतिशत है.