बिहार में बर्फीली हवाओं से ठंड में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। गया राज्य का सबसे ठंडा शहर है। यहां ठंड इतनी है कि आम इंसान के साथ-साथ भगवान भी ठिठुर रहे हैं। गया के इस्कॉन मंदिर और गौड़ीय मठ में भगवान श्रीकृष्ण को सर्दी से बचाने के लिए गर्म कपड़े पहनाए गए हैं। कृष्ण के साथ-साथ राधा, बलराम, जगन्नाथ, सुभद्रा को भी स्वेटर, शॉल और ऊनी ग्लव्स पहनाए गए हैं।
गया में बीते तीन दिनों से न्यूनतम तापमान 8 डिग्री सेल्सियस से नीचे है। बदले मौसम में सर्द तेज पछुआ हवाएं चलने से भगवान को भी ठंड लगने लगी है। शहर के इस्कॉन मंदिर और गौड़ीय मठ में विराजमान भगवान को सर्दी से बचाने के लिए गर्म कपड़े पहनाए गए हैं। श्रीकृष्ण और राधा रानी को रंगीन ऊनी कपड़े धारण कराए गए हैं। पैरों में गर्म मोजे तो हाथों में ऊनी ग्लव्स पहनाए गए हैं। राधे-कृष्ण के साथ ही श्री चैतन्य महाप्रभु, श्री जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा को भी गर्म वस्त्रों में लपेटा गया है। मठ -मंदिर में आने वाले श्रद्धालु अब भगवान को गर्म कपड़ों में देख रहे हैं। सर्दी के सीजन यानी मार्च तक मठ- मंदिर में स्थापित सभी 6 भगवान की मूर्तियां ऊनी कपड़ों में लिपटी रहेगीं।
बदला भोग, तिलकुट, ड्राई फ्रूट्स,दूध और गर्म पानी भी दिया जा रहा
मौसम बदलने के साथ ही भगवान के कपड़े के साथ लगने वाले भोग में तब्दीली की गई है। इस्कॉन मंदिर के प्रबंधक जगदीश श्याम दास महाराज ने बताया कि जब कड़ाके की ठंड पडे़गी तो ज्यादा गर्म करने वाले पोशाक के साथ ही भगवान को कंबल भी ओढ़ाई जाएगी। अब सभी भगवान को गर्म करने वाले खाद्य पदार्थों से भोग लगाया जा रहा है। सुबह में तिलकुट, ड्राई फ्रूट्स, गुड़ और अनरसा दिया जा रहा है। ठंड बढ़ने के साथ और बदलाव होंगे।
गौड़ीय मठ के पुजारी राधा मोहन ने बताया कि सर्दी में गर्म कपड़े और गर्म तासीर वाले खाद्य पदार्थों का भोग लगाया जा रहा है। गर्मी में भी भगवान का खास ख्याल रखा जाता है। भीषण गर्मी के सीजन में राहत के लिए मूर्ति पर चंदन का लेप लगाया जाता है। शीतल पदार्थों का भोग भी लगता है।