शादियों का सीजन जारी हैं और लोग अपनी शादी को यादगार बनाने के लिए अनोखे तरीके आजमाते हैं। ऐसा ही एक अनोखा तरीके देखने को मिला मध्य प्रदेश के सीहोर में जहां 16 फरवरी को एक शादी में बिना सिंदूर और मंगलसूत्र के शादी करी गई और दूल्हा और दुल्हन ने हिंदू रीति-रिवाजों को निभाने की जगह संविधान की शपथ लेकर शादी का संकल्प लिया। यहाँ तक की इस शादी में आए सभी मेहमानों ने भी संविधान की शपथ लेते हुए इसके पालन का संकल्प लिया हैं।

सीहोर के भारतीनगर निवासी विष्णु प्रसाद दोहरे के बेटे हेमंत और जयराम भास्कर की बेटी मधु की शादी को लोग देखते रह गए। जिसमें बारात में दूल्हा हाथ में संविधान किताब लेकर चल रहा था। वही वर-वधु के स्टेज पर बौद्ध, डॉ. भीमराव आंबेडकर के चित्र रखे हुए थे। उन्ही को साक्षी मानकर कार्यक्रम की शुरुआत की गई। उसके पश्चात् वर-वधु को भारत के संविधान के प्रस्तावना की शपथ दिलाई गई। और फिर जीवनभर एक दूसरे का साथ देने का संकल्प लेकर विवाह संपन्न हुआ।
शादी के निमंत्रण पत्र पर भी बुद्ध और डॉ. आंबेडकर के चित्र अंकित कराए गए हैं। सब्बमंगलम, प्रज्ञा, शील, करूणा कुछ इस प्रकार के गौतम बुद्ध संदेश विवाह निमंत्रण पत्र पर लिखे हुए थे। इस विवाह के निमंत्रण पत्र पर बुद्ध और डॉ. अंबेडकर के चित्र छपवाए गए थे। इसके अतिरिक्त भारत का संविधान, हमारा स्वाभिमान जैसे स्लोगन भी शादी कार्ड पर अंकित कराये गए थे। इस पहल ने लोगो को आश्चर्य में डाल दिया हैं। अब तक लोग अपनी शादी कार्ड पर पर्यावरण से जुड़े मुद्दों, राजनैतिक अभियानों का समर्थन यह सभी देखने को मिला था, लेकिन यह एक और अनोखो पहले ने लोगो को आश्चर्य में डाल दिया हैं।
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