तीन में से एक भारतीय ने वयस्क सामग्री देखने के लिए होटलों, हवाईअड्डों, पुस्तकालयों और यहां तक कि कार्यस्थल जैसे स्थानों पर मुफ्त के सार्वजनिक वाईफाई के प्रयोग की बात स्वीकारी है. ‘नार्टन बाय सिमान्टेक’ द्वारा किये गये अध्ययन में यह बात सामने आई है.
इस वैश्विक अध्ययन में एक हजार से अधिक भारतीयों को शामिल किया गया. इसमें पाया गया कि तीन में से एक से अधिक भारतीयों ने वयस्क सामग्री देखने के लिए सार्वजनिक वाईफाई के प्रयोग की बात स्वीकार की.
लेकिन भारतीय इस तरह के व्यवहार में अकेले नहीं हैं. वैश्विक स्तर पर, छह में से एक व्यक्ति ने वयस्क सामग्री देखने के लिए सार्वजनिक वाईफाई के प्रयोग की बात स्वीकार की. इस सर्वेक्षण में जापान, मेक्सिको, हालैंड, ब्राजील, अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों के लोगों को शामिल किया गया.
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भारतीय जिन स्थानों पर सार्वजनिक वाईफाई के प्रयोग से वयस्क सामग्री देखते हैं उसमें होटल, दोस्त का घर, कैफे, रेस्तरां और कार्यस्थल शामिल हैं.
खास बात यह है कि सर्वेक्षण में शामिल 31 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्होंने सार्वजनिक वाईफाई के प्रयोग से सड़कों पर वयस्क सामग्री देखी, जबकि 34 प्रतिशत ने यह काम बस, ट्रेन स्टेशन पर किया. करीब 24 प्रतिशत ने पुस्तकालयों में सार्वजनिक वाईफाई पर वयस्क सामग्री देखने की बात स्वीकारी जबकि 34 प्रतिशत ने कहा कि उन्होंने हवाई अड्डे पर इस सेवा का लाभ उठाया.
‘सिमान्टेक’ में कंट्री मैनेजर रितेश चोपड़ा ने कहा कि सार्वजनिक वाईफाई के प्रयोग के दौरान सुरक्षा और वास्तविकता को लेकर लोगों के विचारों में गहरा भेद है. उन्होंने कहा कि कोई व्यक्ति अपने निजी उपकरण पर जिसे व्यक्तिगत समझता है, उस तक साइबर अपराधियों द्वारा बिना सुरक्षा वाले वाईफाई नेटवर्क या असुरक्षित ऐप्प के जरिये आसानी से पहुंचा जा सकता है.
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