पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव 27 मार्च से शुरू होंगे, लेकिन राज्य में सियासी उलटफेर का दौर जारी है। इसी कड़ी में एआईएमआईएम के चीफ असदुद्दीन ओवैसी को तगड़ा झटका लगा है। दरअसल, एआईएमआईएम के बंगाल संयोजक जमीरुल हसन ने पार्टी को अलविदा कह दिया। बताया जा रहा है कि अब वह स्वतंत्र पार्टी इंडियन नेशनल लीग में शामिल होंगे, जो तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को समर्थन देगी।
एआईएमआईएम के बंगाल संयोजक सैयद जमीरुल हसन ने पार्टी प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी पर कार्यकर्ताओं को तवज्जो नहीं देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि 2015 में हम एआईएमआईएम में शामिल हुए थे। हमने काफी मेहनत की और पार्टी को राज्य के 20 जिलों तक फैलाया। हालांकि, अब महसूस हो रहा है कि ओवैसी साहब हम लोगों को तवज्जो नहीं दे रहे हैं। यहां तक कि हमारी गिरफ्तारी पर उन्होंने एक भी शब्द नहीं कहा।
सूत्रों का कहना है कि असदुद्दीन ओवैसी जनवरी 2021 के दौरान फुरफुरा शरीफ गए थे और पीरजादा अब्बास सिद्दकी से मुलाकात की थी। माना जा रहा है कि इस मुलाकात के बाद से जमीरुल हसन नाराज चल रहे थे। ऐसे में उन्होंने एआईएमआईएम से अलग रास्ता अख्तियार कर लिया।
जमीरुल हसन ने कहा कि हमें टीएमसी की ओर से ऑफर भी मिला था, लेकिन ओवैसी साहब के लिए हमने उसे ठुकरा दिया था। उन्होंने बताया कि हमारी गिरफ्तारी से पहले टीएमसी के मंत्री ने हमसे मुलाकात की थी। उन्होंने कहा था कि इस मीटिंग के बाद आपके पास दो रास्ते हैं। पहला रास्ता आपको राज्यसभा ले जा सकता है और दूसरा जेल। उन्होंने प्रस्ताव रखा कि अगर आप एमआईएमआईएम को छोड़ते हैं तो हम आपको राज्यसभा भेज सकते हैं। मैंने जवाब दिया कि कौम के लिए हम कुछ भी छोड़ सकते हैं।
जमीरुल हसन ने बताया कि अब हमने इंडियन नेशनल लीग का दामन थाम लिया है। इस पार्टी में जाने का मकसद यही है कि अब मैं वहां-वहां जाऊंगा, जहां-जहां ओवैसी साहब की पार्टी है। वहां से उनको पैक करके हैदराबाद भेजूंगा। मैं भारत के मुसलमानों को ओवैसी साहब का असली चेहरा दिखाना चाहता हूं।