फैजाबाद.अयोध्या में कारसेवकों पर गोली चलाने का विवाद एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। मंगलवार को एक कारसेवक की विधवा ने यूपी के पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव के खिलाफ न्यायालय में हत्या और षड्यंत्र करने का परिवाद दायर कराया है। इस मामले में प्रथम अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रवींद्र दुबे ने परिवाद पर सुनवाई का आदेश सुरक्षित कर लिया है। पीड़ित महिला गायत्री देवी ने कहा, ”बीते 22 नवंबर को मुलायम सिंह ने अपने बर्थडे पर दिए स्पीच में अयोध्या में गोली चलवाने की बात स्वीकार किया है। ऐसे में उन्हें दंडित किया जाए। जब भी मैं ये बात सुनती हूं तो मुझे दुख होता है।”
आगे पढ़िए पीड़िता के वकली ने क्या कहा…
-पीड़ित महिला गायत्री देवी के वकील विशाल श्रीवास्तव ने कहा, ”मेरी जो क्लाइंट है उनके पति रमेश कुमार पांडेय थे, जिनकी अयोध्या गोली कांड में मौत हुई थी।”
-”2 नवंबर 1990 में मुलायम के शासनकाल में अयोध्या में गोली कांड हुआ था, जो मुलायम सिंह ने चलवाया था और इसमें गायत्री देवी के पति मारे गए थे। उसके बाद से ये लोग काफी दुखी रहते हैं।
-”वहीं, जब भी मुलायम सिंह यादव कहते थे कि गोली हमने चलवाई थी तब-तब इनको गुस्सा बहुत आता था और होता था। लेकिन कुछ कर नहीं पाते थे। इनके चार बच्चे हैं।”
-”वहीं, जब 22 नवंबर को मुलायम सिंह ने अपने बर्थडे पर फिर कहा कि गोली हमने चलवाई थी। अयोध्या में जब गोली चलवाई थी तब भी इतनी कम सीटें हमको अयोध्या में नहीं मिली थी तो जो इस बात को उन्होंने स्वीकारा है। इससे नाराज होकर मंगलवार को गायत्री देवी ने एसीजेएम-3 के सामने मुकदमा किया है।”
-”मुकदमे में कहा गया है कि मुलायम सिंह यादव ने मेरे पति को गोली मरवाया था। 1990 में जो गोली चली थी उसमे मुलायम सिंह दोषी हैं। ऐसे में उन्हें आईपीसी की धारा 302 और 120B के तहत तलब कर दंडित किया जाए।”
मुलायम सिंह ने दिया था ये बयान
-मुलायम ने कहा था, ”1990 में उन्होंने देश की एकता के लिए अयोध्या में कारसेवकों पर गोली चलवाई थी। अगर उस समय गोली न चलवाता तो देश टूट जाता।”
-इस गोलीकांड में 20 नहीं बल्कि 28 लोग मारे गए थे। आठ लाशें 6 महीने बाद मिली थीं। उस समय देश की एकता के लिए यदि और मौतें होतीं तो भी वह पीछे नहीं हटते।”