फेसबुक ने आखिरकार विवादास्पद 'ट्रेंडिंग' फीचर को खत्म करने का फैसला कर लिया है, ताकि यूजर्स को भविष्य में समाचारों का नया अनुभव दिया जा सके. इसमें ब्रेकिंग न्यूज नोटिफिकेशन को शामिल किया जा सकता है. फेसबुक के न्यूज प्रोडक्ट के हेड ने एक बयान में कहा, 'हम अगले हफ्ते से ट्रेडिंग को फेसबुक से हटा लेंगे और ट्रेंड्स API पर निर्भर प्रोडक्ट्स और थर्ड-पार्टी पार्टनर इंटीग्रेशन को भी हटा लेंगे.' फेसबुक ने 2014 में ट्रेंडिंग फीचर पेश किया जिसका लक्ष्य लोगों को समाचार विषयों को खोजने में मदद करना था, जो पूरी कम्युनिटी में लोकप्रिय थे. इस फीचर में कई हेडलाइन्स का कलेक्शन दिखाया जाता था, लेकिन सोशल नेटवर्किंग दिग्गज को जल्द ही राजनीतिक पूर्वाग्रह के आरोपों का सामना करना पड़ा. NBC न्यूज की रिपोर्ट में बताया गया कि शुरुआत में हेडलाइन्स इंसानों (एडिटर) द्वारा चुनी जाती थीं. इस प्रोजेक्ट में काम कर चुके कॉन्ट्रेक्टर ने दावा किया कि फेसबुक इस फीचर का प्रयोग उदारवादी मुद्दों को बढ़ाने और कट्टर सोच को दबाने के लिए किया जाता था. फेसबुक ने बाद में इन संपादकों को हटा दिया और संतुलन बनाने के लिए एक एल्गोरिदम का इस्तेमाल किया, जो यह फैसला लेता था कि किन हेडलाइन्स को ट्रेंडिंग सेक्शन में रखा जाए. लेकिन एल्गोरिदम द्वारा हेडलाइन्स की छंटाई करने से कई फर्जी खबरें और आपत्तिजनक कंटेट भी फेसबुक के ट्रेंडिंग फीचर में जगह पाने लगे थे.

फेसबुक से हटने जा रहा है ‘ट्रेंडिंग फीचर’, हो रही ब्रेकिंग न्यूज की तैयारी

फेसबुक ने आखिरकार विवादास्पद ‘ट्रेंडिंग’ फीचर को खत्म करने का फैसला कर लिया है, ताकि यूजर्स को भविष्य में समाचारों का नया अनुभव दिया जा सके. इसमें ब्रेकिंग न्यूज नोटिफिकेशन को शामिल किया जा सकता है.फेसबुक ने आखिरकार विवादास्पद 'ट्रेंडिंग' फीचर को खत्म करने का फैसला कर लिया है, ताकि यूजर्स को भविष्य में समाचारों का नया अनुभव दिया जा सके. इसमें ब्रेकिंग न्यूज नोटिफिकेशन को शामिल किया जा सकता है.  फेसबुक के न्यूज प्रोडक्ट के हेड ने एक बयान में कहा, 'हम अगले हफ्ते से ट्रेडिंग को फेसबुक से हटा लेंगे और ट्रेंड्स API पर निर्भर प्रोडक्ट्स और थर्ड-पार्टी पार्टनर इंटीग्रेशन को भी हटा लेंगे.'  फेसबुक ने 2014 में ट्रेंडिंग फीचर पेश किया जिसका लक्ष्य लोगों को समाचार विषयों को खोजने में मदद करना था, जो पूरी कम्युनिटी में लोकप्रिय थे. इस फीचर में कई हेडलाइन्स का कलेक्शन दिखाया जाता था, लेकिन सोशल नेटवर्किंग दिग्गज को जल्द ही राजनीतिक पूर्वाग्रह के आरोपों का सामना करना पड़ा.  NBC न्यूज की रिपोर्ट में बताया गया कि शुरुआत में हेडलाइन्स इंसानों (एडिटर) द्वारा चुनी जाती थीं. इस प्रोजेक्ट में काम कर चुके कॉन्ट्रेक्टर ने दावा किया कि फेसबुक इस फीचर का प्रयोग उदारवादी मुद्दों को बढ़ाने और कट्टर सोच को दबाने के लिए किया जाता था.  फेसबुक ने बाद में इन संपादकों को हटा दिया और संतुलन बनाने के लिए एक एल्गोरिदम का इस्तेमाल किया, जो यह फैसला लेता था कि किन हेडलाइन्स को ट्रेंडिंग सेक्शन में रखा जाए.   लेकिन एल्गोरिदम द्वारा हेडलाइन्स की छंटाई करने से कई फर्जी खबरें और आपत्तिजनक कंटेट भी फेसबुक के ट्रेंडिंग फीचर में जगह पाने लगे थे.

फेसबुक के न्यूज प्रोडक्ट के हेड ने एक बयान में कहा, ‘हम अगले हफ्ते से ट्रेडिंग को फेसबुक से हटा लेंगे और ट्रेंड्स API पर निर्भर प्रोडक्ट्स और थर्ड-पार्टी पार्टनर इंटीग्रेशन को भी हटा लेंगे.’

फेसबुक ने 2014 में ट्रेंडिंग फीचर पेश किया जिसका लक्ष्य लोगों को समाचार विषयों को खोजने में मदद करना था, जो पूरी कम्युनिटी में लोकप्रिय थे. इस फीचर में कई हेडलाइन्स का कलेक्शन दिखाया जाता था, लेकिन सोशल नेटवर्किंग दिग्गज को जल्द ही राजनीतिक पूर्वाग्रह के आरोपों का सामना करना पड़ा.

NBC न्यूज की रिपोर्ट में बताया गया कि शुरुआत में हेडलाइन्स इंसानों (एडिटर) द्वारा चुनी जाती थीं. इस प्रोजेक्ट में काम कर चुके कॉन्ट्रेक्टर ने दावा किया कि फेसबुक इस फीचर का प्रयोग उदारवादी मुद्दों को बढ़ाने और कट्टर सोच को दबाने के लिए किया जाता था.

फेसबुक ने बाद में इन संपादकों को हटा दिया और संतुलन बनाने के लिए एक एल्गोरिदम का इस्तेमाल किया, जो यह फैसला लेता था कि किन हेडलाइन्स को ट्रेंडिंग सेक्शन में रखा जाए.

लेकिन एल्गोरिदम द्वारा हेडलाइन्स की छंटाई करने से कई फर्जी खबरें और आपत्तिजनक कंटेट भी फेसबुक के ट्रेंडिंग फीचर में जगह पाने लगे थे.

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