अब 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चे फेसबुक पर हथियारों से जुड़े विज्ञापन नहीं देख सकेंगे। कंपनी ने हथियार एक्सेसरीज से जुड़े विज्ञापनों पर रोक लगा दी है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में नाबालिगों द्वारा गोलीबारी की बढ़ती घटनाओं के बाद यह फैसला लिया गया है। अमेरिका में गोलीबारी की बढ़ती घटनाओं के बारे में चल रही बहस के बाद कंपनी ने इस तरह के विज्ञापनों पर रोक लगा दी है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक फेसबुक बच्चों के विज्ञपन में फिलहाल हथियारों और उनमें इस्तेमाल होने वाले सामानों के विज्ञापन पर रोक लगाता है। फेसुबक ने आगे कदम उठाते हुए इन विज्ञापनों पर उम्र संबंधी शर्त लगा दी है। फेसबुक की यह विज्ञापन नीति 21 जून यानी कल से प्रभावी होगी। आपको बता दें कि इससे पहले वीडियो चैनल यू-ट्यूब ने भी कहा था कि हथियारों और एसेसरीज बेचने वाली वेबसाइटों को लिंक मुहैया कराने वाले लिंक और इनके प्रचार करने वाले वीडियो पर रोक लगाएगा। इससे पहले फेसबुक ने स्वीकारा था कि वो यूजर की निजी जानकारी, पसंद-नापसंद आदि की जानकारी रखने के लिए कम्प्यूटर के की-बोर्ड और माउस पर नजर रखता है। इसका मतलब है कि अगर आप कम्प्यूटर पर फेसबुक पर लॉगइन हैं तो आपके माउस के हर क्लिक और की-बोर्ड के हर इस्तेमाल की खबर फेसबुक तक पहुंच जाती है। इसके बाद फेसबुक यह पता लगाता है कि फेसबुक यूजर किस तरह की कंटेंट सर्च करना पसंद करते हैं। फेसबुक उसी हिसाब से यूजर को विज्ञापन दिखाता है। फेसबुक डाटा लीक पर सरकार सख्त, 20 जून तक मांगा जबाब यह भी पढ़ें कैम्ब्रिज ऐनालिटिका और फेसबुक डाटा लीक विवाद के बाद से फेसबुक पर दुनियाभर के देशों में किरकिरी हुई थी। इसके बाद से फेसबुक ने अपने सिक्योरिटी फीचर में बदलाव करने का फैसला किया था। फेसबुक ने हाल ही में यह स्वीकार भी किया कि उसने कई चीनी मोबाइल कंपनियों के साथ डाटा शेयर किया था।

फेसबुक पर बच्चे नहीं देख पाएंगे हथियारों के विज्ञापन, इस वजह से लिया गया फैसला

अब 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चे फेसबुक पर हथियारों से जुड़े विज्ञापन नहीं देख सकेंगे। कंपनी ने हथियार एक्सेसरीज से जुड़े विज्ञापनों पर रोक लगा दी है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में नाबालिगों द्वारा गोलीबारी की बढ़ती घटनाओं के बाद यह फैसला लिया गया है। अमेरिका में गोलीबारी की बढ़ती घटनाओं के बारे में चल रही बहस के बाद कंपनी ने इस तरह के विज्ञापनों पर रोक लगा दी है।अब 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चे फेसबुक पर हथियारों से जुड़े विज्ञापन नहीं देख सकेंगे। कंपनी ने हथियार एक्सेसरीज से जुड़े विज्ञापनों पर रोक लगा दी है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में नाबालिगों द्वारा गोलीबारी की बढ़ती घटनाओं के बाद यह फैसला लिया गया है। अमेरिका में गोलीबारी की बढ़ती घटनाओं के बारे में चल रही बहस के बाद कंपनी ने इस तरह के विज्ञापनों पर रोक लगा दी है।  मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक फेसबुक बच्चों के विज्ञपन में फिलहाल हथियारों और उनमें इस्तेमाल होने वाले सामानों के विज्ञापन पर रोक लगाता है। फेसुबक ने आगे कदम उठाते हुए इन विज्ञापनों पर उम्र संबंधी शर्त लगा दी है। फेसबुक की यह विज्ञापन नीति 21 जून यानी कल से प्रभावी होगी। आपको बता दें कि इससे पहले वीडियो चैनल यू-ट्यूब ने भी कहा था कि हथियारों और एसेसरीज बेचने वाली वेबसाइटों को लिंक मुहैया कराने वाले लिंक और इनके प्रचार करने वाले वीडियो पर रोक लगाएगा।  इससे पहले फेसबुक ने स्वीकारा था कि वो यूजर की निजी जानकारी, पसंद-नापसंद आदि की जानकारी रखने के लिए कम्प्यूटर के की-बोर्ड और माउस पर नजर रखता है। इसका मतलब है कि अगर आप कम्प्यूटर पर फेसबुक पर लॉगइन हैं तो आपके माउस के हर क्लिक और की-बोर्ड के हर इस्तेमाल की खबर फेसबुक तक पहुंच जाती है। इसके बाद फेसबुक यह पता लगाता है कि फेसबुक यूजर किस तरह की कंटेंट सर्च करना पसंद करते हैं। फेसबुक उसी हिसाब से यूजर को विज्ञापन दिखाता है।   फेसबुक डाटा लीक पर सरकार सख्त, 20 जून तक मांगा जबाब यह भी पढ़ें कैम्ब्रिज ऐनालिटिका और फेसबुक डाटा लीक विवाद के बाद से फेसबुक पर दुनियाभर के देशों में किरकिरी हुई थी। इसके बाद से फेसबुक ने अपने सिक्योरिटी फीचर में बदलाव करने का फैसला किया था। फेसबुक ने हाल ही में यह स्वीकार भी किया कि उसने कई चीनी मोबाइल कंपनियों के साथ डाटा शेयर किया था।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक फेसबुक बच्चों के विज्ञपन में फिलहाल हथियारों और उनमें इस्तेमाल होने वाले सामानों के विज्ञापन पर रोक लगाता है। फेसुबक ने आगे कदम उठाते हुए इन विज्ञापनों पर उम्र संबंधी शर्त लगा दी है। फेसबुक की यह विज्ञापन नीति 21 जून यानी कल से प्रभावी होगी। आपको बता दें कि इससे पहले वीडियो चैनल यू-ट्यूब ने भी कहा था कि हथियारों और एसेसरीज बेचने वाली वेबसाइटों को लिंक मुहैया कराने वाले लिंक और इनके प्रचार करने वाले वीडियो पर रोक लगाएगा।

इससे पहले फेसबुक ने स्वीकारा था कि वो यूजर की निजी जानकारी, पसंद-नापसंद आदि की जानकारी रखने के लिए कम्प्यूटर के की-बोर्ड और माउस पर नजर रखता है। इसका मतलब है कि अगर आप कम्प्यूटर पर फेसबुक पर लॉगइन हैं तो आपके माउस के हर क्लिक और की-बोर्ड के हर इस्तेमाल की खबर फेसबुक तक पहुंच जाती है। इसके बाद फेसबुक यह पता लगाता है कि फेसबुक यूजर किस तरह की कंटेंट सर्च करना पसंद करते हैं। फेसबुक उसी हिसाब से यूजर को विज्ञापन दिखाता है।

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