फुलैरा दूज पर्व के साथ ही होली के रंगों की शुरुआत हो जाती है। फाल्गुन मास में शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर फुलैरा दूज मनाया जाता है। इसे फाल्गुन महीने का सबसे शुभ दिन माना जाता है। फुलैरा दूज का मुहूर्त 17 फरवरी के 3 बजकर 56 मिनट से शुरू होकर 18 फरवरी के शाम 4 बजकर 50 मिनट तक रहेगा। फुलैरा दूज को फाल्गुन माह का सबसे अच्छा दिन माना जा है। इस दिन कोई भी शुभ काम किया जा सकता है।फुलैरा दूज का महत्व
फुलैरा दूज का पर्व मथुरा और वृंदावन में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण और राधा की पूजा की जाती है। इस दिन सभी मंदिरों को तरह-तरह के रंग बिरंगे फूलों से सजाया जाता है और फूलों की होली खेली जाती है। फुलैरा दूज पर अबूझ मुहूर्त होता है इसलिए इस दिन को विवाह के लिए सबसे दिन उत्तम माना जाता है।
फुलैरा दूज पर घरों को फूलों और रंगोली से पूरे घर को सजाया जाता है। इस दिन से घरों और मंदिरों में भगवान कृष्ण और राधाजी को फूलों से सजाया जाता है। साथ ही फुलैरा दूज पर कृष्णजी को पकवान का भोग लगाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन राधा कृष्ण की पूजा करने से सारी मनोकानाएं पूरी हो जाती है।