हर साल मनाई जाने वाली फुलेरा दूज इस साल 4 मार्च को मनाई जाने वाली है। यह एक ऐसा पर्व है जो हर साल भगवान श्री कृष्ण के भक्त बड़े ही उत्साह से मनाते हैं। आप सभी को बता दें कि इस बार ‘शुभ, सर्वार्थ सिद्धि और अमृत सिद्धि’ योग में यह पर्व मनाया जाएगा। जी हाँ और यह संयोग शुभ कार्यों के लिए उत्तम माने गए हैं। इस दिन कृष्ण भक्त राधा-कृष्ण को गुलाल लगाकर, उनका राधा संग पूजन करके, प्रसाद, भजन, कीर्तन, फूलों से श्रृंगार आदि करके प्रेमपूर्वक राधा-कृष्ण की आराधना करते है। अब आज हम आपको बताने जा रहे हैं श्रीकृष्ण और राधारानी के शुभ मंत्र जो आपकी हर कामना को पूरी कर देंगे।
खास मंत्र-
– ‘कृं कृष्णाय नमः’
– ‘गोवल्लभाय स्वाहा’
– ‘ॐ श्रीं नमः श्रीकृष्णाय परिपूर्णतमाय स्वाहा’
– ‘ॐ नमः भगवते वासुदेवाय कृष्णाय क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नमः।’
– ‘हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण-कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम, राम-राम हरे हरे।’
– ‘ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीकृष्णाय गोविंदाय गोपीजन वल्लभाय श्रीं श्रीं श्री’
– ‘ॐ कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने ।। प्रणतः क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नमः।।’
– ॐ कृष्ण कृष्ण महाकृष्ण सर्वज्ञ त्वं प्रसीद मे। रमारमण विद्येश विद्यामाशु प्रयच्छ मे॥
राधा जी के 32 नाम मंत्र-
1. मृदुल भाषिणी राधा ! राधा !!
2. सौंदर्य राषिणी राधा ! राधा !!
3. परम् पुनीता राधा ! राधा !!
4. नित्य नवनीता राधा ! राधा !!
5. रास विलासिनी राधा ! राधा !!
6. दिव्य सुवासिनी राधा ! राधा !!
7. नवल किशोरी राधा ! राधा !!
8. अति ही भोरी राधा ! राधा !!
9. कंचनवर्णी राधा ! राधा !!
10. नित्य सुखकरणी राधा ! राधा !!
11. सुभग भामिनी राधा ! राधा !!
12. जगत स्वामिनी राधा ! राधा !!
13. कृष्ण आनन्दिनी राधा ! राधा !!
14. आनंद कन्दिनी राधा ! राधा !!
15. प्रेम मूर्ति राधा ! राधा !!
16. रस आपूर्ति राधा ! राधा !!
17. नवल ब्रजेश्वरी राधा ! राधा !!
18: नित्य रासेश्वरी राधा ! राधा !!
19. कोमल अंगिनी राधा ! राधा !!
20. कृष्ण संगिनी राधा ! राधा !!
21. कृपा वर्षिणी राधा ! राधा !!
22: परम् हर्षिणी राधा ! राधा !!
23. सिंधु स्वरूपा राधा ! राधा !!
24. परम् अनूपा राधा ! राधा !!
25. परम् हितकारी राधा ! राधा !!
26. कृष्ण सुखकारी राधा ! राधा !!
27. निकुंज स्वामिनी राधा ! राधा !!
28. नवल भामिनी राधा ! राधा !!
29. रास रासेश्वरी राधा ! राधा !!
30. स्वयं परमेश्वरी राधा ! राधा !!
31. सकल गुणीता राधा ! राधा !!
32. रसिकिनी पुनीता राधा ! राधा !!
– कर जोरि वंदन करूं मैं_
नित नित करूं प्रणाम_
रसना से गाती/गाता रहूं_
श्री राधा राधा नाम !!