प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत मिलेंगे बिज़नेस के बड़े मौके, अब हुए बड़े ऐलान

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत मिलेंगे बिज़नेस के बड़े मौके, अब हुए बड़े ऐलान

नई दिल्ली. बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Election 2020) को लेकर चुनाव प्रचार का काम जारी है. इसी कड़ी में आज बीजेपी ने भी अपना घोषणा पत्र जारी करते हुए कई अहम घोषणाएं की हैं. इस घोषणा पत्र में बीजेपी ने ऐलान किया है कि हम अगले दो वर्ष में मछली पालन में बिहार को नंबर एक का राज्य बनाएंगे. फ़ूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाएंगे. बता दें कि इससे पहले 10 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार सहित देश के 21 राज्यों में 20,050 करोड़ रुपये की प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) की शुरुआत करते हुये कहा कि इससे मछली निर्यात दोगुना करने में मदद मिलेगी, रोजगार के अवसर और किसानों की आय बढ़ेगी.

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का उद्देश्य-

मछली उत्पादन अतिरिक्त 70 लाख टन वर्ष 2024-25 तक बढ़ाना.
मछली निर्यात से आय 1,00,000 करोड़ रुपये वर्ष 2024-25 तक करना.
मछुआरों और मत्स्य किसानों की आय दोगुनी करना.
पैदावार के बाद नुकसान 20-25 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत करना तथा मत्स्य पालन क्षेत्र और सहायक गतिविधियों में 55 लाख प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा करना.

इस योजना को मछली उत्पादन और उत्पादकता, गुणवत्ता प्रौद्योगिकी, उपज के बाद के लिए जरूरी बुनियादी ढांचे और प्रबंधन, मूल्य निर्धारण श्रृंखला के आधुनिकीकरण और सुदृढ़ीकरण, मजबूत मत्स्य प्रबंधन ढांचे और मछुआरों के कल्याण के रास्ते में आने वाली कमियों को दूर करने के उद्देश्य से बनाया गया है.

मुख्य रूप से यह योजना परियोजना में आवश्यकतानुरूप निवेश करते हुए मत्स्य समूहों और क्षेत्रों के निमार्ण पर केन्द्रित की गई है.

इस योजना के जरिये नीली क्रांति योजना की उपलब्धियों को मजबूत करने का उद्देश्य है. जिसके जरिए कई नए हस्तक्षेपों की परिकल्पना भी की गई है जैसे मछली पकड़ने के जहाजों का बीमा, मछली पकड़ने के जहाजों/नावों के उन्नयन के लिए मदद, बायो-टॉयलेट्स, लवण/क्षारीय क्षेत्रों में जलीय कृषि, सागर मित्र, एफएफपीओ/सीएस, न्यूक्लियस ब्रीडिंग सेंटर, मत्स्य पालन और जलीय कृषि स्टार्ट-अप्स, इन्क्यूबेटर्स, इंटीग्रेटेड एक्वा पार्क, इंटीग्रेटेड कोस्टल फिशिंग विलेज डेवलपमेंट, एक्वाटिक प्रयोगशालाओं के नेटवर्क और उनकी सुविधाओं का विस्तार, पहचान सुविधा, प्रमाणन और मान्यता, आरएएस, बायोफ्लोक एंड केज कल्चर, ई-ट्रेडिंग/विपणन, मत्स्य प्रबंधन योजना इत्यादि शामिल है.

इस योजना के तहत अब तक मत्स्य विभाग ने पहले चरण में 21 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के लिए 1723 करोड़ रुपये के प्रस्तावों को मंजूरी दी है. इसके तहत आय सृजन गतिविधियों को प्राथमिकता दी गई है.

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