भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बायोपिक फिल्म ‘पीएम नरेंद्र मोदी’ शुरू से ही विवादों में रही है. कांग्रेस का आरोप है कि यह फिल्म जान बूझकर चुनावों से ठीक पहले रिलीज की जा रही है और यह सीधे तौर पर आचार संहिता का उल्लंघन है. कांग्रेस का आरोप है कि फिल्म वोटर्स को प्रभावित करने का काम करेगी. फिल्म की रिलीज डेट को लेकर काफी खींचतान हुई और अब आखिरकार इसकी रिलीज 11 अप्रैल को फाइनल कर दी गई है.
जहां कांग्रेस भाजपा पर लगातार फिल्म द्वारा वोटर्स को लुभाने के आरोप लगा रही है वहीं विवेक ओबेरॉय ने इंडिया टुडे के एक शो में कहा कि फिल्म सिर्फ एक ऐसे शख्स की दास्तां सुनाती है जिसने करोड़ों लोगों को प्रभावित किया है और जिसके जीवन की कहानी अपने आप में प्रभावित करने वाली है.
यह एक ऐसी कहानी है जिसे लोग सुनना चाहते हैं और हम फिल्म को रिलीज करके वही कर रहे हैं.
विवेक ने कहा, “सहिष्णु होना और किसे कहते हैं? यदि आप मेरी फिल्म के बारे में सहिष्णु हैं तो बाहर आइए और इसके बारे में बात कीजिए. यदि कल को कोई पद्मावत जैसी फिल्म रिलीज होने से रोक दी जाती है, तो भले ही यह राइट विंग के द्वारा हो या लेफ्ट विंग के द्वारा, मैं आगे आकर इसके बारे में बोलने वाला हूं और कहने वाला हूं कि यह गलत है.”