अगर आप घर खरीदने के इच्छुक हैं तो प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना की क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम (सीएलएसएस) आपकी आर्थिक मदद करेगी.
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प्रधानमंत्री आवास योजना सिर्फ गरीबों के लिए नहीं है, बल्कि इसका फायदा मध्य वर्ग भी उठा सकता है.
इंदिरा आवास योजना और राजीव आवास योजना से यह काफी अलग है. दरअसल, पुरानी योजनाओं में फ्लैट बहुत छोटे होते थे. 30-32 वर्ग मीटर तक में घर तैयार कर दिया जाता था. सरकार जैसा घर बनाकर देती थी, उसे लेना मजबूरी थी.
लेकिन प्रधानमंत्री शहरी योजना में अब ऐसा नहीं है. अब बिल्डर घर बना रहे हैं और सरकार ब्याज में सब्सिडी दे रही है. यही नहीं आप 1184 वर्ग फीट (110 वर्ग मीटर) तक कारपेट एरिया का फ्लैट भी ले सकते हैं.
ज्यादातर पुरानी सरकारी आवास योजनाओं में बीपीएल को लाभ मिलता था. लेकिन अब इसका फ़ायदा 18 लाख रुपये तक सालाना इनकम वालों को भी मिल रहा है.
जब सीएलएसएस की शुरुआत हुई थी तो इसका फायदा सालाना 6 लाख रुपये तक कमाने वालों को ही मिल रहा था. मकान के लिए अधिकतम 60 वर्गमीटर तक कारपेट एरिया निर्धारित था.
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मध्य वर्ग को लाभ देने की कोशिश
अब इसमें एमआईजी को जोड़कर मध्य वर्ग को लाभ देने की कोशिश की जा रही है. इसका लाभ 1 जनवरी 2018 तक उठाया जा सकता है.
आवास एवं शहरी गरीबी उन्मूलन राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह का कहना है कि सरकार ने 2022 तक सभी को मकान देने का लक्ष्य तय किया है. इस दिशा में वह आगे बढ़ रही है.
ऐसे करें आवेदन
आवास एवं शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि पहले हाउसिंग लोन का आवेदन देना होगा. आवेदन बिल्डर या फिर लोन देने वाली एजेंसी ही करवा देगी.
आपकी हाउसिंग फाइनेंस कंपनी नेशनल हाउसिंग बैंक में सब्सिडी के लिए रिपोर्ट भेजेगी. इसके बाद नेशनल हाउसिंग बैंक सब्सिडी अमाउंट आपके बैंक में ट्रांसफर कर देगा.
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लाभ लेने के लिए करना क्या होगा ?
लाभ लेने के लिए एक शपथ पत्र में यह बताना होगा कि आपके और आपकी पत्नी के नाम कोई और घर नहीं है. इनकम सर्टिफिकेट लगाना होगा. आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड और पैन कार्ड देना होगा.
टाउन प्लानिंग विशेषज्ञ एससी कुश कहते हैं प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के तहत ग्राहकों के साथ बिल्डरों को भी फायदा है. कई राज्य सरकारें घर सस्ता करने के लिए एक्सटर्नल डेवलपमेंट चार्ज (ईडीसी) में 60 फीसदी तक की कमी की है. लाइसेंस फीस पर भी छूट मिल रही है.