प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए शहरी विकास मंत्रालय ने मांगी 20 हजार करोड़ रुपये की सहायता

प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए शहरी विकास मंत्रालय ने मांगी 20 हजार करोड़ रुपये की सहायता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महत्वाकांक्षी प्रॉजेक्ट प्रधानमंत्री आवास योजना को कामयाब बनाने के लिए इस बार आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय से 20 हजार करोड़ रुपये की सहायता मांगी है।हालांकि, पिछले बजट में उसे महज 6,000 करोड़ रुपये ही मिले थे। लेकिन मंत्रालय का तर्क है कि अगर प्रधानमंत्री के सभी को छत मुहैया करानेवाले मिशन को तय वक्त पर पूरा करना है तो उसे इस मद में मोटी रकम की जरूरत होगी। प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए शहरी विकास मंत्रालय ने मांगी 20 हजार करोड़ रुपये की सहायता

अब तक सिर्फ 12 हजार करोड़ रुपये की सहायता! 
मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि हाउजिंग प्रॉजेक्ट्स के लिए वित्त मंत्रालय से लगभग 20,000 करोड़ रुपये की मांग की गई है, ताकि जल्द-से-जल्द प्रॉजेक्ट को मंजूर किया जाए और निर्माण कार्य शुरू करके 2022 तक सभी को घर उपलब्ध कराने के लक्ष्य को हासिल किया जा सके। मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक, सभी को घर मुहैया कराने के लिए केंद्र सरकार को एक लाख करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता उपलब्ध करानी है, लेकिन अब तक सिर्फ 12 हजार करोड़ रुपये की सहायता ही दी गई है। इसलिए अब बचे वर्षों में केंद्र सरकार को ज्यादा राशि उपलब्ध करानी होगी। यही वजह है कि मंत्रालय चाहता है कि इस बार उसे कम-से-कम 20 हजार करोड़ रुपये मुहैया कराए जाएं, ताकि वह इस प्रॉजेक्ट को रफ्तार दे सके और राज्यों पर दबाव बना सके कि वे जल्द-से-जल्द हाउजिंग प्रॉजेक्ट्स को पूरा कराएं। हालांकि, अधिकारियों का यह भी कहना है कि भले ही केंद्र सरकार वित्तीय सहायता दे रही हो, लेकिन हाउजिंग प्रॉजेक्ट्स पर अमल राज्यों को ही करना है। ऐसे में उन्हें भी इसमें रुचि दिखानी होगी। 

स्मार्ट सिटी पर भी जोर 

मंत्रालय ने स्मार्ट सिटी प्रॉजेक्ट के लिए भी इस बार 15 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि मांगी है। हालांकि, पिछले बजट में इस मद में 4,000 करोड़ रुपये की राशि मिली थी। अब मंत्रालय का कहना है कि एक तो अब स्मार्ट सिटी के लिए चुने गए शहरों की संख्या बढ़कर 90 हो चुकी है और दूसरा यह भी है कि अब स्मार्ट सिटी प्रॉजेक्टस में से अधिकांश फाइलों से निकल कर जमीन पर आ गए हैं। ऐसे में अब उनपर खर्च तेजी से बढ़ेगा। ऐसे में इस बार उसे ज्यादा रकम की जरूरत है। वैसे भी सरकार की चिंता रही है कि स्मार्ट सिटी परियाजेनाओं पर तेजी से काम हो, ताकि उसमें लोगों को मोदी सरकार की छवि नजर आए। मंत्रालय का मानना है कि अब 2019 से पहले यही मौका है, जबकि इस मद में ज्यादा रकम देकर स्मार्ट शहरों में तेजी से विकास काम नजर आएं। 
 
 

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com