गुरुग्राम के रेयान स्कूल में हुए प्रद्युम्न मर्डर केस में एक सनसनीखेज खुलासा हुआ है. मृतक प्रद्युम्न के पिता वरुण ठाकुर ने कहा कि हरियाणा सरकार के एक मंत्री ने उन पर दबाव बनाया था कि वह इस केस की सीबीआई जांच की मांग न करें. उनका कहना था कि सीबीआई से बेहतर हरियाणा पुलिस इस केस की जांच करेगी. मंत्री उनके घर आए थे.
वरुण ठाकुर का आरोप है कि हरियाणा सरकार के मंत्री राव नरबीर सिंह ने 14 सितंबर को गुरुग्राम स्थित उनके घर आए थे. वहां उन्होंने कहा था कि सीबीआई सिर्फ एक बड़ा नाम है. उसके पास काम का इतना बोझ है कि जांच लंबी जाएगी. हरियाणा पुलिस सीबीआई से बेहतर जांच एजेंसी है. वह समय पर रिपोर्ट देगी. इसलिए वह सीबीआई जांच की मांग न करें.
मृतक के पिता का कहना है कि यदि वह उस समय मंत्री की बात मान लेते तो आज वास्तविक आरोपी सबके सामने नहीं आ पाता. इस मामले में बस कंडक्टर अशोक कुमार को आरोपी बताकर गुरुग्राम पुलिस ने गिरफ्तार किया था. पुलिस का कहना था कि अशोक वारदात के वक्त टॉयलेट में मौजूद था. उसी ने चाकू से गला रेतकर प्रद्युम्न की हत्या की थी.
इस केस की जांच पीड़ित पक्ष की मांग पर सीबीआई को दे दी गई थी. इसके बाद सीबीआई ने गुरुग्राम पुलिस की थ्योरी को पूरी तरह पलटते हुए रेयान स्कूल के ही 11वीं छात्र को हत्या के आरोपी में गिरफ्तार कर लिया. सीबीआई ने दावा किया कि आरोपी छात्र ने ही स्कूल बंद कराने के लिए इस हत्याकांड को अंजाम दिया था. वह पढ़ने में कमजोर में था.
सीबीआई का कहना था कि आरोपी छात्र को डर था कि पीटीएम में उसकी शिकायत होगी और वह परीक्षा में फेल भी हो सकता है. इसलिए उसने इस वारदात को अंजाम दिया, ताकि स्कूल ही बंद हो जाए. यहां तक की आरोपी ने अपने स्कूल के दोस्तों से कहा था कि वे परीक्षा की तैयारी न करें, क्योंकि स्कूल में छुट्टी होने वाली है और बाद में ऐसा ही हुआ.
सीबीआई की थ्योरी के मुताबिक, रेयान इंटरनेशनल स्कूल के 11वीं के छात्र ने ही टॉयलेट के अंदर प्रद्युम्न ठाकुर की हत्या की थी. आरोपी छात्र ने एक दिन पहले बाजार से चाकू खरीदे थे. वह स्कूल छुट्टी कराकर परीक्षा और पीटीएम टालना चाहता था. बताया जा रहा है कि आरोपी अपने व्यवहार से पूरे स्कूल में बदनाम में था. वह अक्सर मारपीट करता था.