वित्त विभाग ने नया नियम जारी किया है जिसके तहत अब से उन्हीं एजेंसियों को सरकारी और सरकार से जुड़ी संस्थाओं में कामकाज का ठेका मिलेगा जो ई-वेस्ट रिसाइक्लिंग (निपटान) की लिखित गारंटी देंगी।
दिल्ली सरकार ने राजधानी की हवा को साफ रखने के लिए ई-कचरे पर सख्त कदम उठाया है। वित्त विभाग ने नया नियम जारी किया है जिसके तहत अब से उन्हीं एजेंसियों को सरकारी और सरकार से जुड़ी संस्थाओं में कामकाज का ठेका मिलेगा जो ई-वेस्ट रिसाइक्लिंग (निपटान) की लिखित गारंटी देंगी।
दिल्ली सरकार के सभी विभागों और स्वायत्त संस्थाओं को ठेकों में यह शर्त जोड़नी अनिवार्य होगी कि ठेके के दौरान निकलने वाला ई-कचरा केवल अधिकृत रिसाइक्लिंग एजेंसियों के जरिये निपटाया जाएगा। दिल्ली सरकार का ये फैसला दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता सुधारने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
दिल्ली पर्यावरण विभाग के मुताबिक, भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऐसा देश है जहां हर साल करीब 1.6 मिलियन मीट्रिक टन ई-वेस्ट निकलता है। इसका करीब 9.5 फीसदी ई-वेस्ट अकेले दिल्ली में ही निकलता है। इसका अधिकतर हिस्सा अनधिकृत व अनौपचारिक क्षेत्र में ही खत्म हो जाता है। इससे पर्यावरण को भारी नुकसान हो रहा है। इसके लिए दिल्ली सरकार होलंबी कलां में 11.4 एकड़ में ई-वेस्ट इको पार्क भी बना रही है।
वित्त विभाग ने जारी किया ऑफिस मेमोरेंडम
वित्त विभाग के विशेष सचिव एसएस परिहार ने एक ऑफिस मेमोरेंडम (नियमों के संक्षिप्त और स्पष्ट निर्देश) जारी कर सभी विभागों को इस नियम का पालन करने को कहा है। ये निर्णय राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) के तहत लिया गया है जिसकी समीक्षा मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली स्टीयरिंग कमेटी ने इस साल 27 जून को 10वीं बैठक में की थी। कमेटी ने ई-कचरे के पर्यावरण के अनुकूल निपटान के लिए सख्त नियमों की जरूरत पर जोर दिया था।
अधिकृत एजेंसियां ही ई-कचरे को नष्ट करेंगी
नए नियम के मुताबिक, कोई भी सरकारी विभाग या स्वायत्त निकाय जो सामान, सेवाएं या अन्य ठेके देगा उसे टेंडर दस्तावेज में ई-कचरा निपटान की शर्त शामिल करनी होगी। इससे मोबाइल, कंप्यूटर, टीवी जैसे इलेक्ट्रॉनिक कचरे का गलत निपटान रुकेगा, जो हवा और मिट्टी को प्रदूषित करता है। अधिकृत रिसाइक्लिंग एजेंसियां ही इस कचरे को सुरक्षित और वैज्ञानिक तरीके से नष्ट करेंगी।
अन्य राज्यों के लिए भी मिसाल
यह आदेश सभी अतिरिक्त मुख्य सचिवों, प्रधान सचिवों, सचिवों, विभागाध्यक्षों और स्वायत्त निकायों को भेजा गया है। मुख्यमंत्री, वित्त मंत्री, अन्य मंत्रियों के सचिवों व मुख्य सचिव के स्टाफ अधिकारी को भी सूचना दी गई है। वित्त विभाग के सिस्टम एनालिस्ट को यह आदेश वेबसाइट पर अपलोड करने का निर्देश दिया गया है। यह कदम दिल्ली को स्वच्छ और पर्यावरण के लिए सुरक्षित बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण है। ई-कचरे का सही निपटान न केवल हवा की गुणवत्ता सुधारेगा बल्कि जहरीले रसायनों से होने वाले नुकसान को भी रोकेगा। दिल्ली सरकार का यह नियम अन्य राज्यों के लिए भी मिसाल बन सकता है।