केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने राज्यों से एक बार फिर से अपील की है कि जनता की सुविधा के लिए पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले वैट और सेल्स टैक्स में कमी करें। इससे पहले भी प्रधान ने दो महीने पहले दिवाली के वक्त ऐसी ही अपील की थी। तब कई राज्यों ने पेट्रोल-डीजल पर वैट की दर को कम कर दिया था।
जीएसटी में शामिल करने को तैयार पर राज्य नहीं राजी
प्रधान ने एक बार फिर दोहराया कि वो पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने के लिए तैयार हैं लेकिन राज्य राजी नहीं हो रहे हैं। यह तब है जब 19 राज्यों में भाजपा नीत एनडीए गठबंधन की सरकार हैं।
66 डॉलर के पार हुआ कच्चा तेल
इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल की कीमतों में आग लग गई है। ब्रेंट क्रूड 66 डॉलर प्रति बैरल के पार चला गया है, जिसकी आंच देश में भी दिखने लगी है। देश में पेट्रोल-डीजल के दाम अक्टूबर के बाद अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गए हैं। कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों से रसोई गैस के दाम भी बढ़ने की संभावना बन गई है।
65 के करीब पहुंचा डीजल
देश में डीजल और पेट्रोल के दामों में अब ज्यादा अंतर नहीं रह गया है। सरकार द्वारा टैक्स में कटौती के बाद भी कीमतों में किसी तरह की कोई राहत आम जनता को नहीं मिली है। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में डीजल की कीमतें 3 अक्टूबर के बाद ऊंचे स्तर पर पहुंच गई हैं।
27 दिसंबर को मुंबई में एक लीटर डीजल 62.85 रुपये के स्तर पर पहुंच गया है। देश के अन्य शहरों जैसे कि दिल्ली, कोलकाता और चेन्नई में भी डीजल सितंबर 2014 के बाद से अपने उच्च स्तर पर हैं।