दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र का सोमवार को समापन हो जाएगा। दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए बुलाए गए तीन दिसवीय सत्र को बाद में चार दिवसीय में तब्दील कर दिया गया था। ऐसे में सोमवार को अंतिम दिन है। विशेष सत्र के दौरान जनलोकपाल समेत कई मुद्दों पर समूचे विपक्ष ने दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी सरकार घेरा है, ऐसे में माना जा रहा है कि सोमवार को भी विधानसभा में जबरदस्त हंगामा देखने को मिल सकता है।
इससे पहले जनलोकपाल बिल के मुद्दे पर दिल्ली विधानसभा का विशेष सत्र तीसरे दिन (शुक्रवार को) भी हंगामेदार रहा। नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता व अन्य भाजपा विधायकों ने सीएम कार्यालय के बाहर धरना दिया था। भाजपा विधायकों ने आरोप लगाया था कि अरविंद केजरीवाल सरकार जनलोकपाल के मामले में गुमराह कर रही है।
सोमवार 2 बजे शुरू होगा विशेष सत्र
शुक्रवार को सदन में गतिरोध के बीच आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक राजेश ऋषि के भाई के निधन की खबर आई थी, जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने सोमवार 2 बजे तक के लिए सदन को स्थगित कर दिया था। विधानसभा अध्यक्ष ने सोमवार को सभी अधिकारियों को अनुत्तरित सवालों का जवाब देने का आदेश दिया है।
सत्र के दूसरे दिन बृहस्पतिवार को भी हुआ था हंगामा
बता दें कि जनलोकपाल बिल की फाइल को लेकर बृहस्पतिवार को दिल्ली विधानसभा के सदन में जमकर हंगामा हुआ था। विपक्ष ने आरोप लगाया था कि उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने जनलोकपाल बिल की फाइल को लेकर झूठ बोला है, वह इसके लिए माफी मांगें। विपक्ष के सदस्य विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी के सामने वेल में आ गए और हंगामा करते हुए धरने पर बैठ गए थे। चेतावनी के बाद भी विपक्ष के सदस्य वेल से नहीं हटे तो विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें मार्शलों के माध्यम से सदन से बाहर निकलवा दिया था।
डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने सदन में गलत बयान दिया
गौरतलब है कि मंगलवार को दिल्ली विधानसभा में दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने के प्रस्ताव पर अपने वक्तव्य में सिसोदिया ने कहा था कि दिल्ली पूर्ण होती तो जनलोकपाल बिल पास हो चुका होता। जबकि इसकी फाइल केंद्र सरकार के पास पड़ी हुई है। इस प्वाइंट को लेकर दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता व विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा व जगदीश प्रधान ने दिल्ली विधानसभा में प्रेसवार्ता बुलाई। उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री सिसोदिया ने सदन में गलत बयान दिया है कि जनलोकपाल बिल की फाइल केंद्र सरकार के पास है। जबकि यह फाइल 14 सितंबर से दिल्ली सरकार में मंत्री कैलाश गहलोत के पास है। सिसोदिया इस गलत बयान के लिए माफी मांगें।