पुणे के केशवनगर में एक बिल्डिंग के गिरने से आठ लोग को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। मलबे में एक बच्चे की अभी भी दबे होने की आशंका जताई जा रही है।

घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवा दिया गया है। ये इमारत 30 साल पुरानी थी और इसकी जर्जर हालत को देखते हुए नगर निगम की तरफ से नोटिस भी जारी किया गया था। घटनास्थल पर घायलों को निकालने का बचाव अभियान अभी जारी है।

गौरतलब है कि महाराष्ट्र में आए दिन इस तरह कि घटानाएं हाेती रहती हैं, लेकिन इन घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासन की तरफ से कोई उचित कदम नही उठाया जाता। पिछले दिनों भिवंडी में एक बड़ा हादसा हुआ था। यहां तीन मंजिला इमारत गिरने के कारण मलबे में दबने से अब तक एक व्यक्ति की मौत हो गई थी वहीं 5 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया था।

-हाल में मुंबई के भिंडी बाजार इलाके में पांच मंजिला हुसैनी इमारत ढह गई थी, जिसमें 34 लोगों की मौत हो गई थी। हालांकि एनडीआरएफ की टीम ने मलबे के नीचे दबे 47 लोगों की जान बचा ली। लेकिन समय रहते अगर एनडीआरएफ की टीम के लिए ग्रीन कॉरिडोर नहीं बनाया गया होता, तो इस हादसे में मरने वालों की संख्‍या बढ़ सकती थी।

-घाटकोपर उपनगर में चार मंजिला इमारत ढह जाने से 17 लोगों की मौत हो गई थी और 25 अन्य घायल हो गए थे। मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने घटनास्थल का दौरा कर हादसे की जांच के आदेश भी दिए थे।

-मुंबई के उपनगर बांद्रा में एक इमारत ढहने से तीन दुधमुंहों सहित छह बच्चों की मौत हो गई थी और छह अन्य लोग घायल हो गए थे। इस पांच मंजिला इमारत को कई नियमों को ताक पर रख कर बनाया गया था।