कमल हासन ने भरोसा जताया है कि वह अपनी द्रविड़ राजनीति में सफल होंगे. तमिलनाडु में द्रविड़ पार्टियों की मौजूदगी के बारे में उन्होंने कहा था, आपको तब पता चलेगा जब मैं इसे सफल बनाऊंगा. इससे पहले कमल हासन और रजनीकांत पर निशाना साधते हुए डीएमके के कार्यकारी अध्यक्ष एम के स्टालिन ने दोनों दिग्गज अभिनेताओं की तुलना सुंदर दिखने वाले कागजी फूलों से की थी जो सुगंध नहीं फैलाते. स्टालिन ने कहा था, ”मौसम में बदलाव के कारण कुछ फूल अचानक खिलते हैं और फिर मुरझा जाते हैं.

इसी तरह, तमिलनाडु के राजनीतिक अखाड़े में भी सुंदर कागजी फूल खिल सकते हैं. ऐसे फूल खिल तो सकते हैं, पर वे सुगंध नहीं फैलाते”. हासन ने स्टालिन पर पलटवार करते हुए कहा था, ”मैं कोई फूल नहीं हूं, मैं बीज हूं मुझे बोओगे तो मैं बढ़ूंगा”. इससे पहले अपने बयानों के लिए कई बार हासन विवादों में रह चुके हैं. हासन से ताजा विवाद तब जुड़ा था जब उन्होंने हिंदू चरमपंथ की आलोचना करते हुये दावा किया था कि दक्षिणपंथी समूहों ने हिंसा का दामन इसलिए थामा क्योंकि उनकी पुरानी रणनीति ने काम करना बंद कर दिया है.

कमल हासन के इस बयान के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय प्रवक्ता जीवीएल नरसिंह राव ने कमल हासन की तुलना लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद से कर दी थी. बीजेपी ने कमल हासन से अपने इस बयान पर माफी मांगने को कहा था. हासन ने इस विवाद पर अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि, “मैं हिंदू धर्म का दुश्मन नहीं हूं, मैं इस्लाम और ईसाई धर्म को भी इसी तरह देखता हूं. मैं किसी का दुश्मन नहीं हूं और मैं अपने कल्याणकारी क्लब के साथ उसी नीति का पालन करता हूं.”