वित्त मंत्रालय में राजस्व सचिव हसमुख अढिया ने काला धन रखने वालों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा है कि बैंक में जमा भर कर देने से काला धन सफेद नहीं होगा। सरकारी खुफिया एजेंसियां ऐसे लोगों पर नजर रख रही हैं और कार्रवाई शुरू हो गई है। काला धन रखने वालों के लिए बेहतर यही होगा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) का लाभ लें।
वहीं दूसरी तरफ सरकार ने कहा कि राजनीतिक दलों के खाते में 500 और 1,000 रुपए के पुराने नोटों में जमा राशि पर आयकर नहीं लगेगा। हालांकि, इसके लिए शर्त रखी गई कि राजनीतिक दलों को मिलने वाला व्यक्तिगत चंदा 20,000 रुपए से कम होना चाहिए और यह दस्तावेजों में दर्ज होना चाहिए।
राजस्व सचिव ने कहा है कि सरकार राजनीतिक दलों को प्राप्त कर छूट में कोई छेड़छाड़ नहीं कर रही है। राजनीतिक दल 500 और 1,000 रुपए के नोट अपने खातों में जमा कराने के लिए मुक्त हैं। कोई एक व्यक्ति 20,000 रुपए से अधिक का दान पार्टी को देता है तो यह चेक या बैंक ड्राफ्ट के जरिये होना चाहिए।
घोषणा करने वालों की जानकारी रहेगी गोपनीय
हसमुख अढिया ने बताया कि पीएमजीकेवाई के तहत जो कोई भी काले धन की घोषणा करेगा उसकी जानकारी गोपनीय रहेगी। यही नहीं, उस पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क या अन्य कर के कानून के तहत भी कार्रवाई नहीं होगी। लेकिन यदि वह पीएमएलए या इसी तरह के अन्य कानूनों के दायरे में आता है तो जरूर कार्रवाई होगी।
काला धन की जानकारी देने के लिए ई-मेल आईडी
अढिया ने बताया कि काला धन रखने वालों की सूचना आम नागरिक भी दे सकते हैं। इसके लिए आयकर विभाग में एक अलग ई-मेल आईडी बनाया गया है। उन्होंने आम लोगों से अपील की कि अगर आपकी जानकारी में किसी के पास काला धन है, तो उसकी शिकायत blackmoneyinfo@incometax.gov.in में कर सकते हैं। काले धन की जानकारी देने वाले व्यक्ति का नाम गोपनीय रखा जाएगा।
राजस्व सचिव ने कहा है कि सरकार राजनीतिक दलों को प्राप्त कर छूट में कोई छेड़छाड़ नहीं कर रही है। राजनीतिक दल 500 और 1,000 रुपए के नोट अपने खातों में जमा कराने के लिए मुक्त हैं। कोई एक व्यक्ति 20,000 रुपए से अधिक का दान पार्टी को देता है तो यह चेक या बैंक ड्राफ्ट के जरिये होना चाहिए।
घोषणा करने वालों की जानकारी रहेगी गोपनीय
हसमुख अढिया ने बताया कि पीएमजीकेवाई के तहत जो कोई भी काले धन की घोषणा करेगा उसकी जानकारी गोपनीय रहेगी। यही नहीं, उस पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क या अन्य कर के कानून के तहत भी कार्रवाई नहीं होगी। लेकिन यदि वह पीएमएलए या इसी तरह के अन्य कानूनों के दायरे में आता है तो जरूर कार्रवाई होगी।
काला धन की जानकारी देने के लिए ई-मेल आईडी
अढिया ने बताया कि काला धन रखने वालों की सूचना आम नागरिक भी दे सकते हैं। इसके लिए आयकर विभाग में एक अलग ई-मेल आईडी बनाया गया है। उन्होंने आम लोगों से अपील की कि अगर आपकी जानकारी में किसी के पास काला धन है, तो उसकी शिकायत blackmoneyinfo@incometax.gov.in में कर सकते हैं। काले धन की जानकारी देने वाले व्यक्ति का नाम गोपनीय रखा जाएगा।
अढिया ने बताया कि एक या अलग-अलग खातों में नोट जमा करने वालों को पैन नंबर से, नाम से, पते से, पिता के नाम से और अन्य तरीके से पकड़ा जा रहा है। इसलिए चार-पांच खाते में नोट जमा करने वाले भी नहीं बच पाएंगे। इसके लिए आयकर विभाग के साथ-साथ राजस्व खुफिया विभाग के अधिकारी भी सक्रिय हैं।
80 करोड़ रुपये से ज्यादा के नये नोट व 76 करोड़ रुपये की ज्वेलरी जब्त
राजस्व सचिव के मुताबिक, आयकर विभाग के अब तक के छापों में 316 करोड़ रुपये की नकदी और 76 करोड़ की ज्वेलरी बरामद की गयी है। जब्त नोटों में 80 करोड़ रुपये से ज्यादा के नये नोट शामिल हैं। इसके अलावा 291 सर्च एंड सीजर हो चुके हैं और 295 सर्वे किये जा चुुके हैं।
आयकर विभाग की तरफ से भेजे गए 3,000 नोटिस
नोटबंदी के बाद बैंक खातों में ज्यादा कैश जमा करने वालों को केद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) की ओर से नोटिस भेजा गया है। सीबीडीटी के अध्यक्ष सुशील चंद्रा के मुताबिक, नोटबंदी के बाद पांच सप्ताह के दौरान देशभर में 3,000 नोटिस भेजे गए हैं। इन नोटिसों में ज्यादा नकदी जमा करने वालों से जवाब मांगा गया है।
बैंकों से रोज मिल रही है सूचना
अढिया ने बताया कि बैंकों से नकदी जमा की सूचना सरकारी एजेंसियों को रोज मिल रही है। चाहे आयकर विभाग हो या एफआईयू हो, सभी बैंकों से भेजी गई सूचनाओं पर अध्ययन कर रहे हैं और उसी हिसाब से कार्रवाई हो रही है। इस कार्य में प्रोफेशनल लोगों को लगाया जा रहा है ताकि कोई भी दोषी बच नहीं सके।
80 करोड़ रुपये से ज्यादा के नये नोट व 76 करोड़ रुपये की ज्वेलरी जब्त
राजस्व सचिव के मुताबिक, आयकर विभाग के अब तक के छापों में 316 करोड़ रुपये की नकदी और 76 करोड़ की ज्वेलरी बरामद की गयी है। जब्त नोटों में 80 करोड़ रुपये से ज्यादा के नये नोट शामिल हैं। इसके अलावा 291 सर्च एंड सीजर हो चुके हैं और 295 सर्वे किये जा चुुके हैं।
आयकर विभाग की तरफ से भेजे गए 3,000 नोटिस
नोटबंदी के बाद बैंक खातों में ज्यादा कैश जमा करने वालों को केद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) की ओर से नोटिस भेजा गया है। सीबीडीटी के अध्यक्ष सुशील चंद्रा के मुताबिक, नोटबंदी के बाद पांच सप्ताह के दौरान देशभर में 3,000 नोटिस भेजे गए हैं। इन नोटिसों में ज्यादा नकदी जमा करने वालों से जवाब मांगा गया है।
बैंकों से रोज मिल रही है सूचना
अढिया ने बताया कि बैंकों से नकदी जमा की सूचना सरकारी एजेंसियों को रोज मिल रही है। चाहे आयकर विभाग हो या एफआईयू हो, सभी बैंकों से भेजी गई सूचनाओं पर अध्ययन कर रहे हैं और उसी हिसाब से कार्रवाई हो रही है। इस कार्य में प्रोफेशनल लोगों को लगाया जा रहा है ताकि कोई भी दोषी बच नहीं सके।
अढिया ने बताया कि पीएमजीकेवाई में घोषणा तभी स्वीकार की जाएगी, जब पहले बैंक के टैक्स जमा कर दिए जाएंगे। टैक्स जमा की पावती (रसीद) देख लेने के बाद ही इस योजना के तहत घोषणा स्वीकार की जाएगी।
काला धन रखने वालों को पहले भी दिया जा चुका है मौका
काला धन रखने वालों के लिए सरकार ने इससे पहले आय घोषणा योजना (आईडीएस) के नाम से एक योजना चलायी थी। इस योजना की अंतिम तिथि 30 सितंबर, 2016 थी। सरकार को इस योजना के तहत लगभग 70 हजार करोड़ की रकम प्राप्त हुई थी। इसके तहत 64 हजार से ज्यादा लोगों ने अपनी अघोषित आय का खुलासा किया था। चार महीने तक चली इस योजना में काले धन का खुलासा करने वालों में हैदराबाद शहर नबंर वन पर था।
विपक्ष ने उड़ायी थी आईडीएस की खिल्ली, बताया था फेयर एंड लवली स्कीम
विपक्ष ने आईडीएस के तहत निश्चित रकम देकर काले धन को सफेद करने वाली योजना का मजाक उड़ाया था। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने संसद भवन में कहा था कि यह सरकार की फेयर एंड लवली स्कीम है।
काला धन रखने वालों को पहले भी दिया जा चुका है मौका
काला धन रखने वालों के लिए सरकार ने इससे पहले आय घोषणा योजना (आईडीएस) के नाम से एक योजना चलायी थी। इस योजना की अंतिम तिथि 30 सितंबर, 2016 थी। सरकार को इस योजना के तहत लगभग 70 हजार करोड़ की रकम प्राप्त हुई थी। इसके तहत 64 हजार से ज्यादा लोगों ने अपनी अघोषित आय का खुलासा किया था। चार महीने तक चली इस योजना में काले धन का खुलासा करने वालों में हैदराबाद शहर नबंर वन पर था।
विपक्ष ने उड़ायी थी आईडीएस की खिल्ली, बताया था फेयर एंड लवली स्कीम
विपक्ष ने आईडीएस के तहत निश्चित रकम देकर काले धन को सफेद करने वाली योजना का मजाक उड़ाया था। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने संसद भवन में कहा था कि यह सरकार की फेयर एंड लवली स्कीम है।