भारत के ए-सैट मिसाइल परीक्षण के कारण अंतरिक्ष में जमा मलबे पर अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों के आकलन को लेकर पाकिस्तान ने गंभीर चिंता जतायी है. भारत ने 27 मार्च को अपनी अंतरिक्ष क्षमता का प्रदर्शन करते हुए अपने एक कृत्रिम उपग्रह को उपग्रह रोधी मिसाइल से मार गिराया था. देश के लिए यह ऐतिहासिक उपलब्धि है. इसके साथ ही भारत ऐसी क्षमता रखने वाले अमेरिका, रूस और चीन के क्लब में शामिल हो गया है.
NASA भी जता चुका है आपत्ति
नासा ने सोमवार को भारत द्वारा अपने ही एक उपग्रह को मार गिराए जाने को ‘‘भयंकर’’ बताया था. नासा प्रमुख ने कहा कि नष्ट किए उपग्रह से अंतरिक्ष की कक्षा में करीब 400 टुकड़ों का मलबा जमा हो गया और इस वजह से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र (आईएसएस) के लिए खतरा पैदा हो गया है.
नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) के प्रशासक जिम ब्राइडेंस्टाइन ने कहा है कि अभी तक करीब 60 टुकड़ों का पता लगाया गया है और इनमें से 24 टुकड़े आईएसएस के दूरतम बिन्दु से ऊपर हैं.
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने जताई आपत्ति
भारत के ए-सैट परीक्षण पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को कहा, ‘ऐसी खबरें बहुत चिंताजनक हैं कि इस परीक्षण से बिखरे मलबे के कुछ टुकड़े अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केन्द्र के ऊपर पहुंच गए हैं, जिससे उसे खतरा पैदा हो गया है.’
भारत ने किसी संधि का उल्लंघन नहीं किया
परीक्षण के बाद भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि निचली कक्षा में परीक्षण करते हुए यह सुनिश्चित किया गया कि अंतरिक्ष में मलबा जमा न हो. जो भी मलबा होगा, वह नष्ट हो जाएगा और कुछ हफ्ते में धरती पर गिर जाएगा. विदेश मंत्रालय ने कहा था कि भारत ने किसी अंतरराष्ट्रीय कानून या संधि का उल्लंघन नहीं किया है.
ब्राइडेंस्टाइन ट्रंप प्रशासन के पहले शीर्ष अधिकारी हैं, जो भारत के ए-सैट परीक्षण के खिलाफ सार्वजनिक रूप से सामने आए हैं. भारत द्वारा ए-सैट के सफल परीक्षण के एक दिन बाद कार्यवाहक अमेरिकी रक्षा मंत्री पैट्रिक शानहान ने आगाह किया था कि इस परीक्षण से अंतरिक्ष में मलबा बढ़ेगा. साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि अमेरिका इस मामले का अध्ययन कर रहा है.