पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खकान अब्बासी ने अमेरिका द्वारा सैन्य सहायता रोके जाने को लेकर चेतावनी दी है कि यह कदम अमेरिका के लिए प्रतिकूल होगा। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने उर्दू के अखबार ‘रोजनामा एक्सप्रेस’ के हवाले से बताया कि अब्बासी ने कहा है कि ऐसा कदम आतंकवाद के खिलाफ युद्ध को नुकसान पहुंचा सकता है, जिसके लिए दोनों देश 16 सालों से लड़ रहे हैं।
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उन्होंने चेतावनी दी कि वाशिंगटन अपने आतंकवाद-रोधी लक्ष्य को पाकिस्तान को सहायता कोष से ‘भूखा’ रखकर हासिल नहीं कर सकता। दोनों देशों को इस क्षेत्र में आतंकवाद के खिलाफ जीत के लिए संयुक्त प्रयास करने की जरूरत है।
अमेरिका ने पाकिस्तान से आतंकवादी समूह हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ और अधिक कार्रवाई करने के लिए कहा है, जिसे लेकर अमेरिका का मानना है कि समूह के साथ पाकिस्तान के घनिष्ठ संबंध हैं।
अमेरिका ने पाकिस्तान को भविष्य में आतंकवादी नेटवर्क पर अधिक कार्रवाई करने की शर्त पर ही सहायता देने की बात कही है, जिसे लेकर माना जाता है कि यह नेटवर्क अफगानिस्तान में सहयोगी दलों पर आतंकवादी हमलों के लिए जिम्मेदार है।
उन्होंने अमेरिका से आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में पाकिस्तान द्वारा नुकसान उठाने और 35 लाख अफगान शरणार्थियों को शरण देने में उसकी भूमिका की अधिक सराहना करने का आग्रह किया।
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अमेरिकी कांग्रेस द्वारा पाकिस्तान को सब्सिडी वाले एफ-16 लड़ाकू विमानों की बिक्री को रोकने के फैसले पर अब्बासी ने कहा कि इस्लामाबाद के पास राष्ट्रीय रक्षा बल बलों के प्रबंधन के लिए अन्य विकल्पों पर गौर करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा।