फिल्म ‘पद्मावती’ को लेकर चल रहे विवाद के बीच सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि फिल्म को लेकर चल रही बयानबाजी बंद होनी चाहिए। इससे फिल्म के खिलाफ माहौल बन रहा है। कोर्ट ने केंद्र पर सवाल उठाते हुए कहा कि संवैधानिक पदों पर बैठे लोग गैर जिम्मेदाराना बयान कैसे दे सकते हैं। अभी सेंसर बोर्ड का फैसला आना बाकी है जब सीबीएफसी के पास मामला लंबित है तो जिम्मेदार लोगों को कोई टिप्पणी नहीं करनी चाहिए, क्योंकि सेंसर बोर्ड विधान के तहत काम करता है और कोई उसे नहीं बता सकता कि कैसे काम करना है।
मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस याचिका को भी खारिज कर दिया जिसमें देश से बाहर फिल्म को रिलीज नहीं करने की मांग की गई थी। निर्माता की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कहा कि वो देश से बाहर फिल्म को रिलीज नहीं कर रहे क्योंकि इससे फिल्म को नुकसान होगा. कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि ऐसा करने से सेंसर बोर्ड का निर्णय प्रभावित होगा। सुप्रीम कोर्ट ने पद्मावती के निर्माता-निर्देशक पर आपराधिक मामला दर्ज किए जाने की वकील मनोहर लाल शर्मा की याचिका को खारिज कर दिया। शर्मा ने फिल्म की रिलीज पर ही रोक लगाने की मांग की थी। यही नहीं अदालत ने इस पिटीशन को बेवजह करार दिया।
बता दें, फिल्म पद्मावती की रिलीज के चलते विभिन्न राजनीतिक दलों और संगठनों के सदस्य भंसाली, दीपिका और रणवीर को धमकी दे रहे हैं। राजपूत करणी सेना ने एक्ट्रेस की नाक काटने की धमकी दी है। जिसके बाद फिल्म की रिलीज डेट आगे बढ़ाई जा चुकी है। फिलहाल फिल्म की रिलीज डेट तय नहीं हुई है।