बोधगया को श्रृंखलाबद्ध विस्फोटों से दहलाने वाला आतंकी हैदर अली इतना शातिर है कि बोधगया में सीरियल ब्लास्ट को उसने महज विस्फोटकों की मारक क्षमता का अंदाज लगाने के लिए अंजाम दिया था। जबकि उसके निशाने पर तब देश के भावी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थे। हैदर अली उर्फ ब्लैक ब्यूटी ने नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने के बाद विदेश भागने की भी योजना तैयार कर रखी थी। वह अफगानिस्तान के रास्ते पाकिस्तान भागने वाला था।
बता दें कि पटना में एनआइए की विशेष अदालत ने हैदर अली के साथ बोधगया सीरियल ब्लास्ट मामले में रांची के ही इम्तियाज अंसारी, मुजीबुल्लाह अंसारी और रायपुर के उमर सिद्दीकी व अजहरुद्दीन कुरैशी को दोषी करार दिया है।
बोधगया व पटना में सीरियल ब्लास्ट को अंजाम देने के बाद हैदर को उमर सिद्दीकी व अजहरुद्दीन कुरैशी ने रायपुर में शरण दी थी। उसे एनआइए की टीम ने रायपुर से 21 मई, 2014 को गिरफ्तार किया था। तब हैदर अली ने एनआइए को अपना परिचय विवेक सिन्हा के रूप में दिया था। लेकिन एनआइए के अधिकारियों ने मौके पर जब उसकी जांच की तब पाया कि उसके पास दो-दो मतदाता परिचय पत्र है। जिसमें एक विवेक सिन्हा के नाम से तथा दूसरा आलोक तिर्की के नाम पर था। दोनों ही वोटर आइडी पर हैदर की तस्वीर लगी है।
एनआइए ने अपनी जांच के दौरान जुटाए साक्ष्यों के आधार पर अदालत को यह भी बताया है कि नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने के लिए हैदर अली उर्फ ब्लैक ब्यूटी ने आत्मघाती जैकेट तक की व्यवस्था कर रखी थी। वह पटना में दिनांक 27 अक्टूबर, 2013 को भाजपा की हुंकार रैली में इस जैकेट के साथ नरेंद्र मोदी पर आत्मघाती हमला करने वाला था।
लेकिन रांची के इरम लॉज में तैयार इस आत्मघाती जैकेट का जब टेस्ट किया गया तब उस टेस्ट में आत्मघाती जैकेट फेल हो गया और उसने ऐन वक्त पर इस आत्मघाती जैकेट के इस्तेमाल की योजना टाल दी। एनआइए की टीम ने सीठियो और इरम लॉज से यह आत्मघाती जैकेट भी बरामद कर लिया था। जिसे एक जंगल में ले जाकर विस्फोट से उड़ा दिया गया था