चंडीगढ़: ‘आप’ नेताओं ने कहा कि कैप्टन सरकार दौरान एक बड़े कांग्रेसी नेता समेत अन्य छोटे-मोटे निजी ट्रांसपोर्टरों के बादल परिवार की कंपनियों की तरफ से बड़ी संख्या में बसों समेत रूट परमिट खरीदे जाने का रुझान निजी बस मालिकों, चालकों-कंडक्टरों, ट्रांसपोर्ट के क्षेत्र में अपना भविष्य तलाश रहे हजारों बेरोजगारों व आम लोगों को बेहद लज्जित और निराश करने वाला है. उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि कैप्टन अमरेंद्र सिंह के बादल परिवार प्रति ऐसे मेहरबानी भरे रवैये के चलते वह दिन दूर नहीं जब बादल परिवार की यह ‘बेकाबू शार्क मछली’ एक दिन पंजाब रोडवेज और पी.आर.टी.सी. को भी निगल जाएगी.
‘आप’ नेताओं ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट से इस मामले का तुरंत नोटिस लेने की मांग करते हुए जहां बस रूटों संबंधी अदालत के पिछले आदेशों को लागू करने के लिए कैप्टन सरकार पर कानूनी दबाव बढ़ाने की मांग की, वहीं बादल सरकार के अब तक जारी हुए नए बस परमिटों व रूट बढ़ाने के लिए नियम-कानून के समूचे उल्लंघन की जांच सी.बी.आई. से करवाने की मांग की.
गौरतलब है कि पंजाब में ट्रांसपोर्ट के व्यापार में कामयाबी के साथ-साथ बादल परिवार ने अब हिमाचल में भी अपना कारोबार बढ़ा लिया है. मैट्रो इको ग्रीन रिजोरटस लिमिटेड ने यहां कई ट्रांसपोर्ट फर्मों जैसे स्वागतम, लक्ष्मी हालीडेय, नॉर्दर्न ट्रैवलज, लेना ट्रैवलज, तनिष्क ट्रैवलज और अप्सरा ट्रैवलज खरीद ली हैं. इन कंपनियों की तरफ से रोजमर्रा की चार से बीस बसें मनाली, धर्मशाला और दिल्ली को चलाईं जा रही हैं. चुनाव दौरान दिए हलफनामे अनुसार शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल और उनकी पत्नी हरसिमरत कौर बादल मैट्रो ग्रीन रिजोर्ट लिमटिड के हिस्सेदार हैं.
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