अमृतसर, दिग्गज नेताओं के क्रियाकलापों से पंजाब कांग्रेस में खलबली मची हुई है। बुधवार सुबह पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान सुनील जाखड़ के सीएम बनने को 42 विधायकों के समर्थने के दावे के बाद अब नवजोत सिंह सिद्धू को लेकर बड़ी खबर आई है। विधानसभा हलका अमृतसर पूर्वी से कांग्रेस प्रत्याशी पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू बुधवार को अचानक चुनाव प्रचार छोड़ माता वैष्णो देवी के दर्शन करने रवाना हो गए। इसके बाद राजनीतिक चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। राजनीति के माहिर इसे पंजाब कांग्रेस के दिग्गज नेताओं सुनील जाखड़, सीएम चरणजीत सिंह चन्नी और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच कुर्सी को लेकर मचे घमासान के नतीजे के रूप में देख रहे हैं। सिद्धू के वैष्णो देवी जाने की पुष्टि उनके नजदीकी नेताओं ने की है।
इससे पहले सुबह पूर्व पंजाब कांग्रेस प्रधान सुनील जाखड़ ने यह कहकर राजनीतिक खलबली मचा दी कि पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के त्याग पत्र के बाद उन्हें 42 विधायकों का समर्थन हासिल था लेकिन सीएम बने 2 विधायकों के समर्थन वाले चरणजीत सिंह चन्नी। सुखजिंदर सिंह रंधावा को 16 और नवजोत सिंह सिद्धू को मात्र 6 विधायकों ने अपना समर्थन दिया था।
दस निर्धारित कार्यक्रम छोड़कर माता वैष्णो देवी गए सिद्धू
सिद्धू के बुधवार के शेड्यूल के मुताबिक हलके की विभिन्न वार्डों में दस के लगभग कार्यक्रम निर्धारित थे। सुबह डीसीसी की पूर्व प्रधान व पार्षद जतिंदर सोनिया के निवास पर रखे गए पहले ही कार्यक्रम में वह नहीं पहुंचे। पता करने पर जानकारी मिली कि सिद्धू मां वैष्णों देवी के दर्शनों को चले गए हैं। उनके अचानक यूं हलके से जाने से कई तरह की चर्चाएं की जा रही हैं। कांग्रेस की पूर्व शहरी प्रधान व पार्षद जतिंदर सोनिया बताया कि उनके घर पर सिद्धू के आने की जानकारी मिली थी। वैसे मंगलवार को कार्यक्रम था, जिसमें सिद्धू ने आना था, पर वह नहीं आए। बुधवार को उनके आने की उम्मीद थी, पर कोई सूचना नही दी थी।
अकाली दल के बिक्रम मजीठिया ने दी है सिद्धू को चुनौती
बता दें कि मंगलवार को शिअद महासचिव व हलके से शिरोमणि अकाली दल के प्रत्याशी बिक्रम सिंह मजीठिया ने घोषणा की थी कि वह सिद्धू की चुनौती स्वीकार करते हैं। वह सिर्फ पूर्वी हलके की सीट से ही चुनाव लड़ेंगे। उनके पुराने विधानसभा क्षेत्र मजीठा से उनकी पत्नी मैदान में रहेंगी। सिद्धू मंगलवार को अमरगढ़ में आयोजित रैली में भाग लेने के लिए गए हुए थे, ऐसे में बुधवार को उनके अपने हलके में निकलने का कार्यक्रम था। पूर्वी हलके से मजीठिया के मैदान में उतरने के बाद यहां मुकाबला काफी कड़ा हो गया है।