नोएडा में बने 103 मीटर ऊंचे ट्विन टावर 28 अगस्त को नौ से 12 सेकेंड में ध्वस्त हो जाएंगे। देश में ऐसा पहली बार होने जा रहा है। इन ट्विन टावर को दोपहर ढाई बजे बटन दबाकर ध्वस्त कर दिया जाएगा। इनके ध्वस्तीकरण के लिए करीब 9640 छेद में 3700 किलो विस्फोटक का प्रयोग किया गया है। अधिकारियों का दावा है कि सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं

सेक्टर-93ए सुपरटेक एमरॉल्ड कोर्ट सोसाइटी परिसर में अवैध रूप से ट्विन टावर बने हुए हैं। एपेक्स टावर 32 व सियान 29 मंजिल का बना है। ऐसे में एक 103 व दूसरा 97 मीटर ऊंचा टावर है। नेशनल बिल्डिंग कोड के नियमों की अनदेखी कर इनको मंजूरी दी गई। नियमों के तहत एक टावर से दूसरे टावर की दूरी कम से कम 16 मीटर होनी चाहिए लेकिन यहां पर सिर्फ 9 मीटर दूरी रखी गई।
इससे पहले खरीदारों को इन टावरों की जगह हरियाली के रूप में पार्क आदि विकसित करने का प्लान बताया गया था। अब 31 अगस्त 2021 को हुए उच्चतम न्यायालय के आदेश पर ट्विन टावर ध्वस्त किए जा रहे हैं। इससे पहले वर्ष 2014 में भी उच्च न्यायालय ने इन टावरों को ध्वस्त करने का आदेश सुनाया था। एडीफाइस एजेंसी के निदेशक उत्कर्ष मेहता ने बताया कि टावर गिराने की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं।
पहले सभी छेद में विस्फोटक लगाया गया। फ्लोर वाइज वायरिंग की गई और अब शुक्रवार से फाइनल जांच भी शुरू कर दी गई। शनिवार व रविवार को दोपहर 12 बजे तक अलग-अलग राउंड में जांच की जाएगी। रविवार को दोपहर 12 बजे के बाद टावर से कनेक्शन करते हुए वायर 100 मीटर बाहर तक लाई जाएगी और यहीं से बटन दबाया जाएगा।
तीन माह में होगा मलबे का निस्तारण
ध्वस्तीकरण के बाद उत्पन्न मलबे के निस्तारण के लिए ध्वस्तीकरण एजेंसी ने सीएंडडी वेस्ट मैनेजमेंट प्लान तैयार किया है। कुल पैदा होने वाले अनुमानित 80,000 टन मलबे का सेग्रीगेशन स्थल पर ही किया जाएगा और इस मलबे से स्टील व कंक्रीट को अलग किया जाएगा। करीब 50,000 टन मलबा सुपरटेक ट्विन टावर के दो बेसमेंट में समायोजित करने की तैयारी है।
आसपास के सेक्टर में ट्रैफिक बाधित रहेगा
ट्विन टावर के आसपास की दो किलोमीटर हिस्से में आंतरिक सड़कों पर सुबह सात बजे से ही ट्रैफिक रोक दिया जाएगा, जो शाम को पांच बजे के बाद खुलेगा। ग्रेनो एक्सप्रेसवे दोपहर सवा दो बजे बंद कर दिया जाएगा। यह करीब पौने घंटे तक बंद रहेगा। रविवार सुबह ही सात बजे तक सुपरटेक एमरॉल्ड कोर्ट व एटीएस विलेज सोसाइटी के करीब 1400 फ्लैट को पूरी तरह खाली करा लिया जाएगा।
कर्मचारियों और बिल्डर से मिलीभगत साबित हुई
नियमों को ताक पर रखकर बनाई गई इस गगनचुंबी इमारत के निर्माण में नोएडा विकास प्राधिकरण के कर्मचारियों और बिल्डर की मिलीभगत की बात साबित हुई है। मामले में सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चार सदस्यों की समिति से जांच कराई। जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर प्रकरण में संलिप्त अधिकारियों, कर्मचारियों पर कार्रवाई की गई है।
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