डाक विभाग आने वाले दिनों में अपने पोस्टमैन को नोटमैन के तौर पर अपडेट करेगा। डाकियों को मोबाइल एटीएम दिए जाएंगे, जिन्हें लेकर वे गांव-गांव जाएंगे और ग्रामीणों को उनके खातों से रुपये निकालकर देंगे। वे खातों में रुपये जमा भी करेंगे और एक खाते से दूसरे में पैसा ट्रांसफर करने में मदद भी करेंगे।
यह मोबाइल एटीएम सोलर लाइट से चलेगा। इसके लिए जल्द ही डाकियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। रुपये लेकर चलने वाले डाकिए के सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम होंगे। वह एटीएम से अधिकतम कितने रुपये निकालेंगे, जमा की क्या लिमिट होगी, यह प्रशिक्षण के बाद ही तय होगा।
देश के हर गांव में बैंक नहीं है। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कैशलेस करेंसी का सपना पूरा करने के लिए ग्रामीणों को एटीएम की सुविधा की जरूरत है। हर गांव में जल्द एटीएम लगाना संभव नहीं है। ऐसे में डाक विभाग ने प्रधानमंत्री के सपने को साकार करने के लिए एक कदम बढ़ाया है। अब तक चिट्ठी, पार्सल और मनी आर्डर लेकर गांव-गांव जाने वाले पोस्टमैन, मोबाइल एटीएम लेकर भी गांव-गांव जाएंगे।
डाक विभाग ने रूरल आईसीटी (इनफोरमेशन ऐंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी) के नाम से योजना शुरू की है, इसके तहत गांवों में रहने वाले लोगों के खाते डाक सेवा के तहत मोबाइल एटीएम से जुड़ जाएंगे। मोबाइल एटीएम के माध्यम से ग्रामीण समय-समय पर यह भी पता कर सकेंगे कि उनके खाते में कितना धन है। किस-किस खाते धारक ने उसके खाते में रुपये जमा करवाएं हैं।
मोबाइल एटीएम मशीन को गांवों में तैनात डाकिया थैले में लेकर घूमेंगे
डिजीटल इंडिया प्रोजेक्ट के तहत यह तय किया गया है कि अब ग्रामीणों को विभिन्न योजनाओं और आपदा राहत राशि का भुगतान नकद नहीं दिया जाएगा। जितना भी पैसा मिलेगा, वह सीधे खातों में जमा होगा। गांवों में एटीएम और बैंक सुविधाएं नहीं है, ऐसे में उन्हें बैंकिंग कार्य में काफी परेशानी होगी। ग्रामीणों की समस्या का समाधान करने के लिए यह व्यवस्था शुरू की गई है।
ऐसे होगा काम
डाक विभाग के अनुसार मोबाइल एटीएम मशीन को गांवों में तैनात डाकिया थैले में लेकर घूमेंगे। यदि किसी ग्रामीण को रुपये की जरूरत होगी तो वह मशीन में खाता नंबर डालेगा। मशीन में एक बिंडो पर खाता धारक का फिंगर प्रिंट लेगा। जब खाते से उसका मिला हो जाएगा तो उसे मांग के मुताबिक रुपयों का भुगतान कर देगा। यदि कोई ग्रामीण नकदी जमा कराना चाहता है, तो इसी तरीके से घर बैठे ही रुपये उसके खाते में जमा हो जाएंगे।
रूरल आईसीटी डाक विभाग का पायलेट प्रोजेक्ट हैं। इसके झांसी, ललितपुर व जालौन में सुचारु संचालन के लिए 534 गांवों में 534 डाकियों को लगाया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों में डाक विभाग की ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकें खोलने की भी योजना है।