जैन विहार, बिरहाना रोड के प्रशांत जैन और आशीष डालमिया सोना कारोबारी हैं। उनका आरोप है कि नोटबंदी के दौरान 10 से 19 नवंबर 2016 के बीच डीएनएम इंटरप्राइजेज, मेसर्स पन्नालाल महेश चंद्र ज्वैलर्स और राधामोहन पुरुषोत्तम दास ज्वैलर्स प्राइवेट लिमिटेड ने नितिन स्वरूप अग्रवाल, प्रोपराइटर मेसर्स रामेश्वरम मार्बल्स एंड ग्रेनाइट्स को 54 किलो सोना दलाल पंकज ओमर के जरिये बेचा था। सोना खरीदने वालों ने इसका भुगतान आरटीजीएस के जरिये तीनों फर्मों के खातों में कराया था। जिस सिंडिकेट बैंक के खाते से रकम ट्रांसफर की गई थी, वह एच ब्लॉक किदवईनगर निवासी मनोज जैन की फर्म श्याम ट्रेडिंग के नाम पर है।
आरोप है कि मनोज के खाते में विजय त्रिपाठी और संजय पांडेय ने नोटबंदी के दौरान 500 और 1000 के पुराने नोट जमा कराए थे। नोटबंदी के समय मनोज के खाते से करोड़ों का ट्रांजेक्शन तीनों फर्मों के खातों में होने की बात आयकर विभाग की डाटा माइनिंग में पकड़ में आई। इस पर आयकर विभाग ने तीनों फर्मों को नोटिस जारी कर इसका स्रोत पूछा। इस पर कारोबारियों ने नितिन स्वरूप को सोना बेचे जाने की जानकारी दी और बताया कि यह रकम उन्हीं ने जमा कराई है। आयकर अफसरों ने जब इस संबंध में नितिन स्वरूप से पूछताछ की तो उन्होंने किसी भी लेनदेन से साफ इनकार कर दिया। इसके बाद प्रशांत और आशीष ने नितिन स्वरूप समेत पांचों के खिलाफ किदवईनगर थाने में धोखाधड़ी की तहरीर दे दी। थानाध्यक्ष शेष नारायण पांडेय का कहना है कि कारोबारियों की तहरीर पर नितिन स्वरूप, पंकज ओमर, मनोज जैन, विजय त्रिपाठी और संजय पांडेय के खिलाफ धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज की गई है। जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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