पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जुबानी हमला जारी है।
शुक्रवार को उन्होंने कहा कि नोटबंदी के चलते उनके राज्य को 5,500 करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ है। बनर्जी ने यह भी कहा कि मोदी के इस फैसले की वजह से बंगाल में 81.50 लाख लोग बेरोजगार हो गए हैं। कोलकाता में एक प्रशासनिक बैठक करने के बाद उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि नोटबंदी के बाद, पिछले दो महीनों में हमें (राज्य सरकार) को 5,500 करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ है।
बंगाल में जहां नोटबंदी से 1.7 करोड़ लोग बुरी तरह प्रभावित हुए, वहीं 81.50 लाख लोगों का रोजगार छिन गया है। बनर्जी के अनुसार यह आंकड़े राज्य सरकार द्वारा कराए गए एक सर्वे में सामने आए हैं। बकौल ममता, बेरोजगार होने वालों में चाय, जूट, बीड़ी और ज्वेलरी सेक्टर के ज्यादा लोग हैं। ममता के मुताबिक नोटबंदी से कृषि क्षेत्र को तगड़ा झटका लगा है और नकदी की कमी के चलते किसान रबी की फसलें नहीं उगा पा रहे।
ममता ने कहा कि फसल ही नहीं होगी तो कीमतें बढ़ेंगी। जब लोगों के पास कैश नहीं है तब वे (केंद्र) कैशलेस इकॉनमी लाने की कोशिश में लगे हैं। सीएम ने सभी राजनैतिक पार्टियों से ‘छोटे-मोटे मतभेद’ से ऊपर उठकर देशहित में एक राष्ट्रीय सरकार बनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि मैं सभी राजनैतिक दलों से अगले आम चुनाव तक एक न्यूनतम साझा कार्यक्रम के तहत एक राष्ट्रीय सरकार बनाने की अपील करती हूं। मैं देश को इस संकट से बचाने के लिए राष्ट्रपति से भी अपील करती हूं।
बनर्जी ने यह भी कहा कि उन्हें इस बात से कोई आपत्ति नहीं होगी अगर राष्ट्रीय सरकार का नेतृत्व मोदी से इतर, भाजपा का कोई वरिष्ठ नेता करे। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि वहां (केंद्र) कोई सरकार ही नहीं है। लोकतांत्रिक अधिकारी पर बुलडोजर चलाया जा रहा है। सरकार के नाम पर देश में आतंक का राज चल रहा है। ममता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनका इस्तीफा पहले ही मांग रखा है।